गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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कोरबा में महिलाओं से करोड़ों की ठगी: आत्मनिर्भरता के नाम पर बड़ा घोटाला, 40 हजार पीड़िताएं न्याय की आस में!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर ठगी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। फ्लोरा मैक्स कंपनी और उसके एजेंटों ने रोजगार और आय बढ़ाने का झूठा सपना दिखाकर गांवों की हजारों महिलाओं से करोड़ों रुपये की ठगी की। इस घोटाले में अनुसूचित जाति वर्ग की अशिक्षित और गरीब महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया गया।
ग्राम पंचायत गोढ़ी, बेंदरकोना, कोरकोमा और केरवा की सैकड़ों महिलाओं ने कोरबा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िताओं ने फ्लोरा मैक्स के संचालक अखिलेश सिंह और एजेंट नीता भारद्वाज पर धोखाधड़ी और कर्ज के नाम पर आर्थिक शोषण का आरोप लगाया है।

फ्लोरा मैक्स कंपनी ने महिलाओं को आत्मनिर्भरता के सपने दिखाकर उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जमा कराए। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया गया। महिलाओं को यह भरोसा दिलाया गया कि उनकी लोन की किस्तें कंपनी भरेगी।
लेकिन कुछ समय बाद, जब कंपनी ने किश्तें भरना बंद कर दिया, तो बैंकों ने कर्ज चुकाने का दबाव महिलाओं पर डालना शुरू कर दिया। इस बीच, एजेंट और कंपनी संचालक गायब हो गए।

गरीब और अशिक्षित महिलाओं को बनाया निशाना

यह घोटाला अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाकर किया गया। उनकी गरीबी और अशिक्षा का फायदा उठाया गया। सूत्रों के अनुसार, इस ठगी में लगभग 40,000 महिलाएं फंसी हुई हैं।

बेंदरकोना ग्राम पंचायत की 50 से अधिक महिलाओं ने 2 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत की है। यह मामला केवल एक ग्राम पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घोटाला कई जिलों में फैल चुका है।

कंपनियों और बैंकों की भूमिका पर सवाल
महिलाओं ने शिकायत की है कि बैंकों और फाइनेंस कंपनियों ने बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए लोन स्वीकृत कर दिया। इसमें पहल बैंक, जना बैंक, एचडीएफसी, उत्कर्ष फाइनेंस और भारत फाइनेंस जैसे संस्थानों के नाम सामने आए हैं।

कुछ महिलाओं के नाम से 9 अलग-अलग बैंकों से लोन लिया गया। बैंकों और वित्तीय संस्थानों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, क्योंकि कई महिलाओं को यह भी पता नहीं था कि उनके नाम पर लोन लिया गया है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि फ्लोरा मैक्स पहले से ही संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। अब जब मामला सामने आया है, तो यह घोटाला अरबों का हो सकता है।
महिलाओं ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनकी वित्तीय स्थिति सुधारने की मांग की है। उनका कहना है कि घोटाले में केवल कंपनी संचालक और एजेंट ही नहीं, बल्कि कुछ प्रभावशाली सफेदपोश लोग भी शामिल हो सकते हैं।
पीड़िताओं की मांग
1. दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज हो।
2. बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की भूमिका की जांच हो।
3. महिलाओं के कर्ज माफ किए जाएं।
4. प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता उजागर की जाए।

(कोरबा जिले में महिलाओं के साथ ठगी के कुछ और वीडियो भी देखिए!)

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