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मंहगाई की मार: पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ी कीमतों पर भाकपा माले का फूटा गुस्सा, सरकार से वापसी की मांग!

भिलाईनगर (पब्लिक फोरम)। महंगाई से जूझ रही आम जनता पर एक और बोझ डालते हुए केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है, वहीं घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 50 रुपए की वृद्धि की गई है। इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए भाकपा माले लिबरेशन छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी के सचिव बृजेंद्र तिवारी ने इसे जनविरोधी फैसला करार दिया है।

महंगाई के बीच जनता पर दोहरी मार

बृजेंद्र तिवारी ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि यह वृद्धि उस वक्त की गई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं। इसके बावजूद घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ाना, आम आदमी की जेब पर सीधा हमला है।

कारपोरेट को लाभ, जनता को संकट

भाकपा माले का कहना है कि यह फैसला आम लोगों के हित में नहीं बल्कि कारपोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है। जिस वक्त देश की बड़ी आबादी बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है, उस समय इस तरह की मूल्य वृद्धि जनता के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है।

जनता की पीड़ा को सरकार समझे

भाकपा माले ने केंद्र सरकार से तत्काल पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी और घरेलू गैस की कीमतों में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि सरकार को लाभ नहीं, लोगों की राहत पर ध्यान देना चाहिए।

देशभर में पहले से ही महंगाई और आर्थिक दबाव से जूझ रहे लाखों परिवार इस फैसले से और अधिक प्रभावित होंगे। ऐसे समय में जब जनता राहत की उम्मीद कर रही थी, उन्हें एक और झटका मिला है। यह न केवल आर्थिक संकट को और गहरा करेगा, बल्कि सरकार की जनविरोधी नीतियों पर भी सवाल खड़े करता है।

भाकपा माले की इस मांग को लेकर जनता में भी गंभीर असंतोष देखा जा रहा है, जो आने वाले दिनों में बड़े जनआंदोलन का रूप ले सकता है।


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