शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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माकपा महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन: कोरबा जिला समिति ने दी श्रद्धांजलि!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सीताराम येचुरी दिल्ली के एम्स के आईसीयू में भर्ती थे। 72 वर्षीय येचुरी का एम्स के आईसीयू में इलाज चल रहा था, वह एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित थे। उन्हें 19 अगस्त को एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर माकपा कोरबा जिला समिति ने गहरा शोक वयक्त किया है।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने अपने शोक संदेश में बताया की सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। येचुरी ने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक  शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल किया। इसके बाद वो सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम ए में अर्थशास्त्र किया। इमरजेंसी के समय जे.एन.यू में छात्र रहते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलिट ब्यूरो के सदस्य भी थे। येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे।

माकपा नेताओ ने कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन को कम्युनिस्ट आन्दोलन की बहुत बड़ी क्षति बताया है। कम्युनिस्ट आन्दोलन में कॉमरेड सीताराम येचुरी का अवदान अविस्मरणीय है। वे एक आदर्श, जुझारू कम्युनिस्ट और मार्क्सवादी चिंतक के रूप में प्रतिष्ठित रहे हैं। अपने छात्र जीवन से लेकर माकपा के नेतृत्व के सर्वोच्च पद तक जिस गरिमा और निष्ठा के साथ उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन किया, वह अविस्मरणीय है।भाजपा सरकार के खिलाफ़ विपक्षी दलों के संयुक्त आन्दोलन और लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन में भी कॉमरेड सीताराम येचुरी की प्रभावकारी भूमिका रही है। कॉमरेड सीताराम येचुरी का निधन हमारे वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और कम्युनिस्ट आन्दोलन की बहुत बड़ी क्षति है। कॉमरेड सीताराम येचुरी को लाल सलाम!

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