नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। दिल्ली के जन्तर मंतर पर सीपीआईएमएल (भाकपा-माले) लिबरेशन और वकीलों के संगठन AILAJ (ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस) ने दमनकारी आपराधिक कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ये नए आपराधिक कानून, जो 01 जुलाई से लागू हुए हैं, नागरिकों की स्वतंत्रता और अधिकारों को बहुत हद तक कम कर देंगे।
नए कोड को ऐतिहासिक ‘उपनिवेशीकरण से मुक्ति’ के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में यह औपनिवेशिक युग के कोड से भी अधिक दमनकारी है। इन नए कानूनों से नागरिकों की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
CPIML और AILAJ ने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और नागरिकों की स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में नागरिक, कार्यकर्ता और वकील शामिल हुए और उन्होंने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
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