नई दिल्ली (पब्लिक फोरम )। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, सीपी राधाकृष्णन, भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं।उन्होंने मंगलवार, 9 सितंबर, 2025 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी, को 152 मतों के अंतर से पराजित किया। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार राधाकृष्णन को कुल 452 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जबकि विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी को 300 मतों से संतोष करना पड़ा।
निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी ने परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुई। इस चुनाव में संसद के दोनों सदनों के कुल 788 योग्य सांसदों में से 767 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिससे मतदान प्रतिशत 98.2% रहा। डाले गए कुल वोटों में से 752 मत वैध पाए गए, जबकि 15 मतों को अवैध घोषित कर दिया गया।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन? एक ज़मीनी नेता का शीर्ष तक का सफ़र
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, जिन्हें “तमिलनाडु के मोदी” के नाम से भी जाना जाता है, का राजनीतिक जीवन बेहद लंबा और प्रभावशाली रहा है। 4 मई, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बहुत ही कम उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वे दो बार कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए और उन्होंने झारखंड तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
उनकी जीत को एक अनुभवी और ज़मीनी नेता की विजय के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने अपना जीवन समाज सेवा और गरीबों तथा वंचितों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए विश्वास जताया कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे और देश के संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया संसद भवन में सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पहले सांसदों में से थे जिन्होंने अपना वोट डाला। उनके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से दिए गए इस्तीफे के बाद आवश्यक हुआ था। श्री राधाकृष्णन की जीत के साथ ही, अब वे राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करेंगे, जहाँ उनका लंबा प्रशासनिक और संसदीय अनुभव देश के विधायी कार्यों को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सीपी राधाकृष्णन की यह जीत एनडीए की राजनीतिक रणनीति और एकजुटता का प्रमाण है। वहीं, विपक्षी खेमे में कुछ सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग की भी खबरें हैं, जिससे इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को अपेक्षित संख्या में वोट नहीं मिल पाए। यह परिणाम विपक्ष के लिए भविष्य की रणनीतियों पर पुनर्विचार करने का एक अवसर भी प्रदान करता है।
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