खरसिया(पब्लिक फोरम) पितृमोक्षार्थ श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन नाहरीवाल परिवार खरसिया, रायपुर, नावापारा, बिर्रा द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसमे कथा वाचक श्री श्याम सुंदर पाराशर जी महाराज श्रीधाम वृंदावन के श्रीमुख से भागवत की बयार बह रही है। यह कथा 5 सितंबर को आरंभ हुई और 11 सितंबर तक अजित सिंह नगर में चलेगी।
श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा में कथा व्यास पूज्य श्री श्याम सुंदर पाराशर महाराज जी ने कहां जब भी इस पृथ्वी पर अन्याय अत्याचार बढ़ता है तब पृथ्वी गाय बनकर भगवान के पास करुण पुकार करती हुई अत्याचारियों के भार की व्यथा का वर्णन करती है भगवान गाय की करुण पुकार सुनकर अविलंब अवतार लेते हैं। आज उन गोपाल की गाय अनाथ की तरह घूम रही है हम उनकी तब तक देखभाल करते हैं जब तक वह दूध देती है जैसे ही उन्होंने दूध देना बंद कर दिया कि हम उन गायों को खुला छोड़ देते हैं हमारी मां हमें केवल एक दो साल तक अपना दूध पिलाती हैं गाय हमें जीवन भर दूध पिलाकर हमारा पोषण करती है और हम उसे अनाथ की तरह त्याग देते हैं। कथा व्यास ने कहा कि सनातन धर्म में सात स्तंभों में प्रमुख स्तंभ गाय हैं इसकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ वासुदेव जी द्वारा उनको गोकुल में नंद बाबा के यहां पहुंचा दिया गया भगवान ने जन्म लेते ही कंस द्वारा भेजे गए पूतना, बकासुर, वत्सासुर आदि राक्षसों का उद्धार किया। इंद्र के मान को दूर कर गिरिराज गोवर्धन की पूजा करवाई।
माँ हमे केवल एक दो साल दूध पिलाती है, गाय हमे जीवन भर दूध पिलाकर हमारा पोषण करती है : पाराशर
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