गुरूवार, दिसम्बर 26, 2024
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रजगामार पंचायत में भ्रष्टाचार: चार महीनों बाद भी 72 लाख की रिकवरी अधूरी, उपसरपंच और पंचों ने जनदर्शन में लगाई गुहार!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। रजगामार ग्राम पंचायत एक बार फिर विवादों के घेरे में है। पंचायत के उपसरपंच और पंचों ने जिला कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचकर सरपंच और सचिव के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप है कि दो साल पहले पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच के बाद 1.56 करोड़ रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ था। हालांकि, जांच के बाद सिर्फ तत्कालीन सचिव ईश्वर धिरहे को बर्खास्त किया गया और सरपंच पर 72 लाख रुपये की रिकवरी का आदेश दिया गया।

रिकवरी के आदेश, लेकिन कार्रवाई नहीं
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अनुविभागीय अधिकारी को सरपंच और बर्खास्त सचिव से 72 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश दिए थे। लेकिन चार महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक यह रिकवरी पूरी नहीं हुई। उपसरपंच और पंचों का कहना है कि इस मामले में सरपंच और वर्तमान सचिव की मनमानी साफ नजर आ रही है।

करतला पंचायत से तुलना

शिकायतकर्ताओं ने उदाहरण देते हुए कहा कि करतला ब्लॉक की एक अन्य पंचायत में महज 5 लाख रुपये की अनियमितता पर तत्कालीन सरपंच को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके विपरीत, रजगामार पंचायत में 1.56 करोड़ रुपये के गबन के बावजूद सरपंच पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।

प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल

जनदर्शन में उपस्थित उपसरपंच और पंचों ने जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, “सरपंच और सचिव पर इतनी मेहरबानी क्यों की जा रही है? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही का मामला है या किसी बड़े प्रभावशाली हस्तक्षेप का परिणाम?”

जनता की अपेक्षाएं और कार्रवाई की मांग
ग्रामवासियों का मानना है कि इस प्रकार के मामलों में सख्त कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। शिकायतकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह जल्द से जल्द सरपंच और सचिव से रिकवरी कर कानूनी कार्रवाई करें, ताकि पंचायत में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
रजगामार पंचायत का यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर जोर देता है। जिला प्रशासन को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए दोषियों को सजा दिलानी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाए और जनता का विश्वास बहाल हो।

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