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शनिवार, जुलाई 5, 2025
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बालको प्लांट में सुरक्षा लापरवाही पर विवाद: श्रमिक संघ ‘ऐक्टू’ ने उठाए सवाल!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) के 540 मेगावाट पावर प्लांट में सुरक्षा नियमों की कथित अनदेखी के कारण श्रमिक राजेश कुमार कर्ष की मौत पर विवाद गहराता जा रहा है। घटना को लेकर अल्युमिनियम कामगार संघ (ऐक्टू) के अध्यक्ष बी.एल. नेताम ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे सुरक्षा नियमों की घोर लापरवाही करार देते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।

घटना की जांच और प्रशासन का प्रतिवेदन

9 जनवरी 2025 को, संयंत्र में दुर्घटना के लगभग 4 साल बीत जाने के बाद बालको प्रबंधन ने श्रम विभाग को अब इस घटना का प्रतिवेदन सौंपा है। प्रतिवेदन में कहा गया कि फैक्ट्री इंस्पेक्टर और संबंधित अधिकारियों ने दुर्घटना स्थल का मुआयना किया और सुरक्षा नियमों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं पाई और नियमानुसार मृतक के नॉमिनी को समस्त भुगतान और विधवा पेंशन भी शुरू कर दी गई है।

हालांकि, बी.एल. नेताम का कहना है कि जांच प्रक्रिया के दौरान न तो श्रमिक संघ को कोई सूचना दी गई और न ही दुर्घटना स्थल का दौरा करते समय श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया। उनका आरोप है कि मृतक के परिवार को संयंत्र में रोजगार और अन्य सहायता की कोई जानकारी साझा नहीं की गई।

श्रम संगठन की मांग

अल्युमिनियम कामगार संघ के अध्यक्ष बी.एल. नेताम ने श्रम आयुक्त कार्यालय छत्तीसगढ़, नवा रायपुर को पत्र लिखकर मांग की है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा, संयंत्र में रोजगार और सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही से हुई इस घटना पर पारदर्शी जांच जरूरी है।

प्रशासन का जवाब

सहायक श्रम आयुक्त कोरबा ने मामले की जानकारी श्रम आयुक्त, छत्तीसगढ़ शासन को दी है। इसके साथ ही, बालको प्रबंधन से घटनास्थल की वास्तविक स्थिति पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया था। बालको ने 9 जनवरी 2025 को अपनी रिपोर्ट जमा की, लेकिन यह श्रमिक संगठन एवं श्रमिकों को संतुष्ट नहीं कर पाई।

श्रमिक संघ का रुख सख्त

अल्युमिनियम कामगार संघ ने कहा है कि यदि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, तो श्रमिक व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे। संघ ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वह प्रबंधन पर जवाबदेही सुनिश्चित करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।

यह घटना श्रमिकों की सुरक्षा और प्रबंधन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। श्रमिक संघ का आरोप और प्रशासन की जांच के बीच पीड़ित परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करना अनिवार्य है। श्रमिकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
यह मामला न केवल श्रमिकों की सुरक्षा बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की भी परीक्षा है। छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखन देवांगन के विधानसभा क्षेत्र में स्थित इस एल्युमिनियम उद्योग वेदांता- बालको में कार्यरत श्रमिकों को मंत्री जी के द्वारा त्वरित कार्रवाई एवं न्याय की उम्मीद तो है, बावजूद इसके पीड़ित श्रमिक परिवार और श्रमिक संगठन अब प्रशासन की कार्रवाई पर निर्भर हैं।

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