मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
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नेटफ्लिक्स की IC 814 वेब सीरीज पर विवाद: सरकार से वार्ता में संवेदनशीलता का वादा

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में अपनी नवीनतम वेब सीरीज IC 814 के विवादास्पद पहलुओं पर चर्चा की। इस बैठक में, नेटफ्लिक्स ने भारतीय दर्शकों की भावनाओं का सम्मान करने और भविष्य में सांस्कृतिक संवेदनशीलता का ध्यान रखने का आश्वासन दिया।

शास्त्री भवन में आयोजित इस बैठक में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू के साथ नेटफ्लिक्स की कंटेंट प्रमुख मोनिका शेरगिल और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक का मुख्य फोकस IC 814 वेब सीरीज में प्रस्तुत की गई सामग्री थी, जिसने हाल ही में विवाद को जन्म दिया है।

विवाद का केंद्र: अपहरणकर्ताओं के नाम
सीरीज, जो 1999 के भारतीय विमान अपहरण पर आधारित है, ने पांच अपहरणकर्ताओं को चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर के कोडनेम से चित्रित किया है। ‘भोला’ और ‘शंकर’ जैसे हिंदू नामों का उपयोग सोशल मीडिया पर आलोचना का विषय बन गया है। आलोचकों का कहना है कि अपहरणकर्ताओं की पहचान स्पष्ट रूप से मुस्लिम आतंकवादियों के रूप में की जानी चाहिए थी, क्योंकि यह हरकत-उल-मुजाहिदीन नामक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन द्वारा किया गया अपहरण था।

नेटफ्लिक्स का प्रतिसाद
नेटफ्लिक्स ने इस मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार किया है। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि वे मामले की समीक्षा कर रहे हैं और भविष्य में इस तरह की असंवेदनशीलता से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी वादा किया कि आगे से उनके प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाने वाला सभी कंटेंट भारतीय दर्शकों की भावनाओं और सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं का सम्मान करेगा।

संतुलन की आवश्यकता
यह घटना रचनात्मक स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच नाजुक संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। जहां एक ओर कलाकारों को अपनी कहानियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, वहीं दूसरी ओर ऐतिहासिक घटनाओं के चित्रण में सटीकता और संवेदनशीलता भी महत्वपूर्ण है।

नेटफ्लिक्स के इस आश्वासन से उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ऐसे विवादों से बचने के लिए अधिक सतर्क रहेंगे। यह घटना यह भी दर्शाती है कि डिजिटल युग में कंटेंट निर्माताओं को न केवल अपने दर्शकों की रुचियों का ध्यान रखना होगा, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संवेदनाओं का भी सम्मान करना होगा।

इस प्रकार के संवाद सरकार और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच एक स्वस्थ संबंध की ओर इंगित करते हैं, जहां दोनों पक्ष मिलकर एक संतुलित और जिम्मेदार मनोरंजन परिदृश्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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