शनिवार, जुलाई 5, 2025
होमआसपास-प्रदेशजोबी कॉलेज में प्रकृति से जुड़ाव: वृक्षारोपण और योग के माध्यम से...

जोबी कॉलेज में प्रकृति से जुड़ाव: वृक्षारोपण और योग के माध्यम से छात्रों ने सीखा पर्यावरण और स्वास्थ्य का महत्व

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय, जोबी-बर्रा में शनिवार को प्रकृति और स्वास्थ्य को समर्पित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वृक्षारोपण दिवस के अवसर पर जहाँ एक ओर महाविद्यालय परिसर को हरे-भरे पौधों से सजाया गया, वहीं योग के माध्यम से छात्रों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का पाठ भी पढ़ाया गया। इस दोहरे आयोजन में विद्यार्थियों, सहायक प्राध्यापकों और स्थानीय नागरिकों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

‘एक छात्र, एक वृक्ष’ अभियान से हरियाली का संकल्प

प्राचार्य रविन्द्र कुमार थवाईत के निर्देशानुसार आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस अवसर पर रेडक्रॉस प्रभारी अधिकारी एवं सहायक प्राध्यापक योगेन्द्र कुमार राठिया ने वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “वृक्ष केवल ऑक्सीजन नहीं देते, वे हमारी संस्कृति, स्वास्थ्य और भविष्य की नींव हैं।” उन्होंने छात्रों को विभिन्न क्षेत्रीय पौधों की पहचान कराई, जिनमें स्वास्थ्यवर्धक और जहरीले दोनों तरह के पौधे शामिल थे, ताकि छात्र प्रकृति को बेहतर ढंग से समझ सकें।

इस अभियान के तहत नीम, तुलसी, करंज, अमरूद, बरगद और पीपल जैसे औषधीय, फलदार और छायादार वृक्षों का रोपण किया गया। वनस्पतिशास्त्र के विद्वान एवं एन.एस.एस. प्रभारी अधिकारी सुरेन्द्र पाल दर्शन ने प्रत्येक पौधे के वैज्ञानिक लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नीम जहाँ अपने औषधीय गुणों से वायु को शुद्ध करता है, वहीं तुलसी मानसिक शांति प्रदान करती है।

कार्यक्रम की सबसे खास बात छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यालय सहायक महेश सिंह सिदार, रोशन राठिया और मोहन सारथी ने विद्यार्थियों को पौधे लगाने की सही तकनीक सिखाई, जिसमें गड्ढा खोदने, पौधे को सहारा देने, पशुओं से बचाव के लिए घेरा बनाने तथा खाद-पानी की सही मात्रा का ध्यान रखने जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल थे। इस दौरान छात्रों ने ‘एक छात्र-छात्रा, एक वृक्ष’ अभियान के तहत शपथ ली और संकल्प लिया कि वे अपने द्वारा लगाए गए पौधों की पूरी देखभाल करेंगे।

योग से तन-मन को साधने का अभ्यास

महाविद्यालय में केवल बाहरी पर्यावरण ही नहीं, बल्कि छात्रों के आंतरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसका जीवंत उदाहरण योग दिवस के आसपास और अन्य खाली समय में देखने को मिलता है, जब सहायक प्राध्यापक एवं एन.एस.एस. अधिकारी सुरेन्द्र पाल दर्शन अपनी टीम के साथ योगाभ्यास में जुट जाते हैं।

इस बार भी श्री दर्शन, वासुदेव प्रसाद पटेल, योगेन्द्र कुमार राठिया, डॉ. ज्ञानमणी एक्का और मुख्य लिपिक पुरुषोत्तम लाल अनन्त को योगासन करते देख, बड़ी संख्या में छात्र भी उनके साथ जुड़ गए। प्राणायाम, सूर्य नमस्कार और ध्यान जैसी क्रियाओं से सभी ने नई ऊर्जा, स्फूर्ति और मानसिक शांति का अनुभव किया।

कार्यक्रम के अंत में एक स्थानीय लोकगीत के माध्यम से वृक्षों के महत्व को रेखांकित किया गया, जिसने सभी को भावविभोर कर दिया। यह पहल न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता का माध्यम बनी, बल्कि इसने छात्रों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और प्रेम की भावना को भी गहराई से स्थापित किया। यह कार्यक्रम केवल एक दिन का आयोजन न होकर, छात्रों में प्रकृति और स्वास्थ्य के प्रति एक स्थायी चेतना जगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments