शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
होमआसपास-प्रदेशछत्तीसगढ़ में जन संघर्ष: कलादास डहरिया के घर पर एनआईए की छापेमारी...

छत्तीसगढ़ में जन संघर्ष: कलादास डहरिया के घर पर एनआईए की छापेमारी की निंदा!

रायपुर (पब्लिक फोरम)। 25 जुलाई 2024 की सुबह, एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) की टीम ने स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्ता समिति) के नेता कलादास डहरिया के घर पर छापा मारा। लेबर कैंप, जामुल, भिलाई स्थित उनके निवास पर हुई इस कार्रवाई ने आम जनता में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने मजदूर नेता और जन कवि कलादास के खिलाफ इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।

मजदूरों और संस्कृति की आवाज
कलादास डहरिया, जो एसीसी सीमेंट प्लांट के पास श्रमिक कॉलोनी में रहते हैं, 1990 से शंकर गुहा नियोगी के नेतृत्व में भिलाई के श्रमिक संघर्षों से जुड़े हुए हैं। वे छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध जनगायक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा, वे NAPM के राष्ट्रीय समन्वयक और पीयूसीएल से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। पिछले तीन दशकों से उन्होंने मजदूरों और किसानों के पक्ष में, मानव अधिकारों की रक्षा के लिए और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया है।

छापेमारी की घटना
सुबह जब कलादास और उनकी पत्नी नीरा घर में थे, तो दरवाजे पर पुलिस की बड़ी टीम खड़ी थी। एनआईए की टीम ने उन्हें बताया कि यह कार्रवाई झारखंड के एक मामले में “भारत विरोधी गतिविधियों” के संबंध में गवाह के रूप में उनसे पूछताछ के लिए की जा रही है। जांच के दौरान घर की पूरी तलाशी ली गई और एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल जब्त किया गया, लेकिन हैश वैल्यू और क्लोन कॉपी नहीं दी गई, जिससे सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना बनी रहती है।

संगठन को तोड़ने की साजिश
कलादास ने इस कार्यवाही को मजदूरों की आवाज दबाने और उनकी छवि धूमिल करने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की योजना है, जिससे वे डरने वाले नहीं हैं। छापेमारी के समय पुलिस ने पड़ोसियों को गली में आने से रोका, खिड़कियां खोलने और पानी भरने से मना किया। यहां तक कि एक वकील को भी कलादास से मिलने से रोक दिया गया।

एनआईए का दस्तावेज़
एनआईए के कागजातों से पता चलता है कि कलादास को 1 अगस्त को रांची में गवाह के रूप में उपस्थित होना है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि झारखंड के मामले से उनका क्या संबंध है। यह छापेमारी श्रमिकों को डराने और उनके संघर्ष को रोकने के उद्देश्य से की गई है। हाल ही में, कलादास ने हसदेव में पेड़ों की कटाई और श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन के विरोध में एक ज्ञापन भेजा था।

संविधान की रक्षा की अपील
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने राज्य के सभी जनवादी संगठनों से अपील की है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीने जाने की फासीवादी कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाएं। संघ परिवार द्वारा लोकतंत्र और संविधान के रक्षकों पर इसी तरह के हमले पूरे देश में किए जा रहे हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments