शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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जनदर्शन में पटवारी की रिश्वतखोरी की शिकायत: अपर कलेक्टर ने तहसीलदार को दिए जांच और कार्यवाही के निर्देश!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन में आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए ग्रामीणों और नागरिकों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया गया। अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग ने सभी आवेदनों की जांच और उचित समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। जनदर्शन में विशेष रूप से ग्राम तिलकेजा के ग्रामीण बसंत राव शिंदे ने फौती नामांतरण और ऋण पुस्तिका बनाने के लिए पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की। बसंत राव ने बताया कि संबंधित पटवारी ने ऋण पुस्तिका बनाने के लिए पैसे की मांग की और काम पूरा नहीं किया। इसके बाद उन्होंने पटवारी के खिलाफ कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की। इस पर अपर कलेक्टर ने तहसीलदार को मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

जनदर्शन में उठे भूमि विवाद और अन्य समस्याएं
जनदर्शन के दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण समस्याओं पर भी चर्चा हुई। रूमगरा की श्रीमती फूलबाई कंवर ने शिकायत की कि उनके खसरा नंबर 813/5 रकबा 0.53 पर गैर-आदिवासी लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नंदकिशोर, बाबूचंद, और मतिबाई ने उनके हिस्से की जमीन पर अवैध कब्जा कर अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया है। इसी तरह, ग्राम बोकरदा के अजय कुमार ने वनभूमि के पट्टों में गड़बड़ी और गलत तरीके से पट्टे निरस्त किए जाने की शिकायत की। सरस्वती सोनी ने अपने नामांतरण की समस्या उठाई, जबकि ग्राम कोथारी के सुकुत राम ने अपनी जमीन को अन्य के नाम कराए जाने पर आपत्ति जताई।

विभिन्न मांगों पर भी ध्यान
जनदर्शन में कई अन्य समस्याएँ भी सामने आईं, जैसे केसला भिलाईबाजार में सबस्टेशन और कर्मचारी की मांग, सरईसिंगार से धरमपुर तक सड़क डामरीकरण की जरूरत, और ट्राइसाइकल की मांग। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए अपर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन प्रेषित कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर खाद्य, शिक्षा, कृषि, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इस जनदर्शन में नागरिकों की समस्याओं का प्रत्यक्ष सुनवाई और त्वरित समाधान की दिशा में यह पहल प्रशासन की सकारात्मक मंशा को दर्शाती है। हालाँकि, ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही जैसी समस्याएँ आज भी आम हैं। इस मामले में पटवारी द्वारा रिश्वत की मांग की शिकायत एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल ग्रामीणों के प्रति प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही की भी परीक्षा लेता है।
यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जांच निष्पक्ष हो और पीड़ितों को न्याय मिले। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि नागरिकों का प्रशासन पर विश्वास भी बहाल होगा। जनदर्शन जैसे कार्यक्रम तभी सफल हो सकते हैं जब उनमें की गई शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्यवाही हो।

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