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मंगलवार, जून 17, 2025
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मुआवजा विवाद: नराईबोध ग्रामीणों का SECL गेवरा मुख्यालय पर 6 घंटे का घेराव, कोयला उत्खनन रोकने की धमकी

– वादाखिलाफी से नाराज ग्रामीणों ने किया कार्यालय घेराव।
– मुआवजा में विसंगति और पुनर्वास की अधूरी मांग।
– कोयला परिवहन बंद करने की कड़ी चेतावनी।

कोरबा (पब्लिक फोरम)। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) गेवरा क्षेत्र के मुख्यालय में मंगलवार सुबह 8 बजे से ही तूफान खड़ा हो गया। ग्राम नराईबोध के सैकड़ों ग्रामीणों ने कार्यालय के दोनों मुख्य गेटों पर डेरा डालकर 6 घंटे तक घेराव किया। इस कारण अधिकारी-कर्मचारी अपने कार्यालयों तक नहीं पहुंच सके और पूरे दिन का कामकाज ठप्प रहा।

विरोध प्रदर्शन की मुख्य वजह
– भूमि अधिग्रहण की कहानी
SECL गेवरा क्षेत्र द्वारा ग्राम नराईबोध की भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2009-10 में किया गया था। हालांकि, अब जाकर गांव में स्थित मकानों और संपत्तियों का मूल्यांकन किया गया है। लेकिन केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की निर्धारित दरों को नजरअंदाज करते हुए मुआवजे का निर्धारण किए जाने से ग्रामीणों में भारी असंतोष है।

– दोहरी समस्या
मुआवजे में कटौती के साथ-साथ नराईबोध के लिए अभी तक पुनर्वास स्थल का चयन नहीं किया गया है। इससे ग्रामीणों को अपने भविष्य की गहरी चिंता सता रही है।

पिछले आंदोलन और टूटे वादे
– 19 मई का आंदोलन
विगत 19 मई 2025 को नराईबोध के ग्रामीणों द्वारा SECL गेवरा खदान बंद करने का आंदोलन किया गया था। उस समय कंपनी के अधिकारियों – महाप्रबंधक (खनन), स्टाफ ऑफिसर (भू-राजस्व) और SECL गेवरा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने लिखित आश्वासन दिया था।

दिए गए आश्वासन
– मुआवजे में विसंगतियों को SECL और शासन द्वारा सुधारा जाएगा
– 31 मई 2025 से पूर्व राज्य शासन, प्रबंधन और ग्रामवासियों के मध्य त्रिपक्षीय बैठक होगी
– SECL की टीम गांव में जाकर कैंप लगाएगी और मकान मुआवजे की गणना दिखाई जाएगी

वादाखिलाफी की निराशा
दुर्भाग्य से SECL गेवरा क्षेत्र के प्रबंधन ने अपने वादों के अनुरूप कोई कार्य नहीं किया। पूर्व में भी बार-बार लिखित चेतावनी दी गई थी, लेकिन प्रबंधन ने इन्हें नजरअंदाज कर दिया।

ग्राम समिति का निर्णय
वार्ड पार्षद और समस्त ग्रामवासियों के साथ मिलकर ग्राम समिति का गठन किया गया। समिति की सभा में निर्णय लिया गया कि:-

1. 10 जून 2025: GM ऑफिस गेवरा क्षेत्र का घेराव और गेट बंदी
2. 11 जून 2025: यदि मांगों पर कोई निर्णय नहीं आता तो संपूर्ण गेवरा खदान बंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल

प्रबंधन का नया आश्वासन
आज के आंदोलन के बाद प्रबंधन ने पुनः लिखित आश्वासन दिया है। इसके अनुसार:
– 15 जून 2025 को गांव में ही बैठक आयोजित की जाएगी
– प्रबंधन और राजस्व अधिकारियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता होगी।
– समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने आज का आंदोलन समाप्त कर दिया है।

ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों का यह संघर्ष उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग को लेकर है। उनकी मांग यह है कि कंपनी अपने वादों को पूरा करे और न्यायसंगत समाधान प्रदान करे। अब देखना यह है कि क्या 15 जून की बैठक में वास्तविक समाधान निकल पाता है या फिर ग्रामीणों को पुनः आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ता है।

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