शनिवार, जुलाई 27, 2024
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विभिन्न मुद्दों और जनसमस्याओं को लेकर 5 जनवरी को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी करेगी धरना-प्रदर्शन

मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद इकाई की एक आवश्यक बैठक सोनालिया ज्वैलर्स के पास स्थित रैन-बसेरा में आयोजित किया गया, जिसमें पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में विभिन्न समस्याओं सहित अनेक मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी कॉ. एमएल रजक ने की।
शुरूआती दौर में आयोजित इस बैठक में कोरबा विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को प्राप्त हुए मतों पर भी विस्तृत रूप से चर्चा व समीक्षा की गई। चुनावी समीक्षा के दौरान पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में किए गए प्रचार के दौरान सामने आई दिक्कतों सहित कुछ अन्य मसलों को भी सामने रखते हुए 26 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
इसी तारतम्य में, 5 जनवरी 2024 को कोरबा के विभिन्न मुद्दों और समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन करने सहित कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाने का भी सर्वसम्मत निर्णय लिया गया।
कॉमरेड स्टालिन के जयंती के अवसर पर सीपीआई के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने बताया कि 18 दिसंबर (1879) को महान कामरेड जोसेफ विसरियोन्नोविच स्टालिन पैदा हुए थे। कॉमरेड स्टालिन ने लेनिन के साथ 1917 की रुसी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। स्टालिन मजदूर मोची के बेटे थे। उनका देहांत 5 मार्च 1953 को हुआ था।
स्टालिन पढ़ने के समय से ही कार्ल मार्क्स के विचारों से प्रभावित हो गए थे। बाद में उन्होंने बोल्शेविक पार्टी ज्वाइन की और लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस की क्रांति को सफल बनाया। 1922 में स्टालिन को कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। उन्होंने यूएसएसआर को मजबूत किया और उसे एक औद्योगिक ताकत बनाया। उन्होंने खेती का सामूहिक करण किया और 5 वर्षीय योजनाओं की शुरुआत की। नाजी जर्मनी को और हिटलर की युद्ध पिपाशा को द्वितीय विश्व युद्ध में खत्म किया और नाजी जर्मनी को बुरी तरह से परास्त किया। स्टालिन और उनकी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूर्वी यूरोपियन देशों में समाजवादी व्यवस्था को कायम करने में मदद की और सोवियत संघ को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने में मदद की।
लेनिन की मृत्यु के बाद स्टालिन ने क्रांति के काम को विस्तार दिया और सघन किया। किसानों, मजदूरों, मेहनतकशों के जीवन में विकास और खुशहाली लाए, उनकी आय दोगुनी की, सब को रोजी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा प्रदान की, सबको मुफ्त इलाज की व्यवस्था की सबको मुफ्त और अनिवार्य और वैज्ञानिक शिक्षा का इंतजाम किया और और सोवियत यूनियन से बेरोजगारी का पूर्णतः खात्मा किया।
स्टालिन ने सोवियत यूनियन को दुनिया की महाशक्ति बनाया। अपने सभी नागरिकों को सारी बुनियादी सुविधाएं रोटी, कपड़ा, मकान, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य, रोजगार और सभी बुजुर्गों को बुढ़ापे की पेंशन मुहैया करायी और मानव इतिहास में यह सिद्ध किया और करके दिखाया समाजवादी व्यवस्था मनुष्य के लिए एक से बढ़कर एक आश्चर्यजनक कारनामें कर सकती है जो पूंजीवादी लुटेरी व्यवस्था में कतई भी संभव नहीं है
कॉमरेड स्टालिन को शत शत नमन।
इस बैठक में कॉ. एनके दास, कॉ. केपी डडसेना, कॉ. राकेश शर्मा, कॉ. रामायण यादव, कॉ. राममूर्ति दुबे, कॉ. कमलेश चौहान, कॉ. सुनील सिंह, कॉ. विजयलक्ष्मी चौहान, कॉ. मीना यादव, कॉ. मोतीलाल, कॉ. सुग्रीव यति, कॉ. मनोज प्रजापति उपस्थित रहे।

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