रविवार, जुलाई 20, 2025
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आयुष्मान में फर्जी क्लेम रोकने कलेक्टर सख्त, बीएमओ-सीएमएचओ को निगरानी के निर्देश: टीबी, मलेरिया व मातृ स्वास्थ्य पर विशेष जोर

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कलेक्टर अजीत वसंत ने स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए आयुष्मान भारत योजना में फर्जी क्लेम को पूरी तरह रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित मासिक स्वास्थ्य समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि विकासखंड स्तर पर बीएमओ प्राइवेट अस्पतालों के दावों की निगरानी करें और किसी भी स्थिति में फर्जी क्लेम को स्वीकृति न दी जाए। इस संबंध में उन्होंने सीएमएचओ को निजी चिकित्सालयों के क्लेम पुटअप कराने की जिम्मेदारी सौंपी।

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की गई, जिसमें वयोवृद्ध शिविर, मलेरिया, कुष्ठ, सिकलसेल, टीबी, आयुष्मान कार्ड, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, एनसीडी, एनआरसी, आरबीएसके, एनक्यूएएस एवं अन्य योजनाएं शामिल रहीं।

कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जेम पोर्टल से स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदी करते समय गुणवत्ता एवं प्रचलित दरों का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने एक्स-रे मशीनों एवं अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद को पारदर्शी और जरूरत आधारित बनाने पर बल दिया।

टीबी एवं कुष्ठ रोगों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने अभियान चलाकर मरीजों की पहचान करने, जांच कराने और समय पर उपचार सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, उन्होंने निर्देशित किया कि टीबी संभावित मरीजों को एक्सरे कराकर दवा और पोषण समर्थन दिया जाए।

मातृ स्वास्थ्य की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं की एचआरपी पहचान अनिवार्य की जाए और अनावश्यक रेफरल से बचा जाए। उन्होंने सीएचसी, पीएचसी और उपस्वास्थ्य केन्द्रों में दिन और रात—दोनों समय प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिन संस्थानों में 20 से अधिक प्रसव होते हैं, वहां संसाधनों की कमी नहीं होनी चाहिए।

रानी धनराज कुंवर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला रोग विशेषज्ञ की उपस्थिति के बावजूद कम उपचार पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने सुधार के निर्देश दिए।

मातृ मृत्यु की समीक्षा में यह पाया गया कि 102 एम्बुलेंस में ईएमटी नहीं है, जिससे आपातकालीन स्थिति में प्रसव के समय समस्याएं आती हैं। इस पर कलेक्टर ने डीएमएफ मद से ईएमटी की शीघ्र नियुक्ति के निर्देश दिए।

एनआरसी (Newborn Care Center) की समीक्षा में कलेक्टर ने 100 प्रतिशत आक्यूपेंसी सुनिश्चित करने को कहा और निर्देश दिए कि शिशु मृत्यु संस्थागत लापरवाही से न हो। साथ ही सिकल सेल रोगियों की इलेक्ट्रोफोरेसिस जांच कराकर दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए।

नाक, कान, गला और मोतियाबिंद से संबंधित चिन्हित मरीजों का समय पर ऑपरेशन एवं उपचार सुनिश्चित करने हेतु मेडिकल कॉलेज में रेफरल और सीएचसी स्तर पर विशेष शिविर लगाने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। कलेक्टर ने बीएमओ को मरीजों के फॉलोअप की जिम्मेदारी भी सौंपी।

बैठक के समापन पर कलेक्टर वसंत ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला टीबी एवं कुष्ठ अधिकारी, टीकाकरण अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी, विकासखंड स्तरीय चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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