कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक बड़े कोयला घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने सरगबुंदिया रेलवे साइडिंग में हुई व्यापक कोयला चोरी का मामला उजागर किया है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय कोयला मंत्री ,जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर शिकायत पत्र सौंपा और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
श्री कंवर ने रेलवे विभाग द्वारा की गई जांच पर सवाल उठाते हुए कहा, “रेलवे का दावा कि यह केवल कोयले का समायोजन था, पूरी तरह से बेबुनियाद है। वास्तव में, यहां लाखों मीट्रिक टन कोयले की चोरी हुई है।” उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद करीब 30 ट्रकों को कोयला चुराते हुए पकड़ा था, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस घोटाले में कोयला माफिया, एसईसीएल, रेलवे विभाग, जिला प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए श्री कंवर ने कहा, “जब सरगबुंदिया रेलवे स्टेशन पर वे-ब्रिज ही नहीं है, तो कोयले का वजन और हिसाब कैसे किया जा सकता था? यह सब एक बड़े घोटाले का हिस्सा है।”
उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी या सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने कोरबा जिले के भू-विस्थापितों को नौकरी और मुआवजा दिलाने की भी मांग रखी।
श्री कंवर की इस पहल से उम्मीद जगी है कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी। पहले भी उनकी शिकायतों पर कई बड़े घोटालों का खुलासा हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप कई भ्रष्ट अधिकारी जेल गए हैं।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि “चोर की दाढ़ी में तिनका” की कहावत कितनी सटीक है। अब देखना यह है कि क्या इस बार भी न्याय की तराजू में कोयला माफिया और भ्रष्ट अधिकारी भारी पड़ेंगे या सच्चाई और ईमानदारी की जीत होगी। जनता की नजरें अब केंद्र सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
कोरबा में कोयला चोरी का खुलासा: पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने केंद्र से मांगी सीबीआई जांच
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