बरोद के विशेष ग्राम पंचायत में ऊर्जाधानी संगठन कोरबा के प्रतिनिधियों ने साझा किया अपना अनुभव
रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। ग्राम बरौद (धरमजयगढ़) के कोयला खदान से प्रताड़ित भूविस्थापित ग्रामीणों द्वारा आयोजित विशेष ग्राम पंचायत बैठक में पहुचकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के प्रतिनिधियों ने कोरबा जिले में चलाए जा रहे आंदोलन के अनुभवो को साझा करते हुए पूरे एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त अनियमितता के बारे में अपनी विचार रखी और रायगढ क्षेत्र में भूविस्थापित संघर्षो के साथ अपनी एकजुटता जाहिर किया।7
विशेष ग्राम पंचायत बैठक को सम्बोधित करते हुए ऊर्जाधानी सन्गठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने आजादी के बाद कोयला खदानों और आद्योगिक विस्तार में किसानों और आदिवासियों की भूमिका पर विस्तार से बातें रखी । उन्होंने जमीन अधिग्रहण अधिनियमो में निहित सुविधाओं के साथ ही रोजगार में कटौती पर अपना विचार रखते हुए कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी भूगर्भ में सहेजकर रखे खनिज संपदा पर आदिवासियों की अधिकार की मांग की।

उन्होंने कहा धरती माँ के पेट को चीरकर कोयला उत्खनन किया जा रहा है और उनके बच्चों के विकास करने के बजाय विनाश के रास्ते पर खड़ा कर दिया गया है । पिछली तीन पीढ़ियों ने अपनी जमीन खोई पर उसके बदले दी जाने वाली रोजगार मुआवजा और बसाहट जैसी समस्याओं को सुलझाने में शासन प्रशासन विफल रही है । गरीब किसानो के बजाय बड़े बड़े पूंजीपतियों के हित मे बनाये जाने वाले कानून मालिको के हाथ मे कटोरा थमा कर पैसे वालों को लूट करने की छूट दे दी गयी है जिसके खिलाफ हमारे पास आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है ।

सचिव विजयपाल सिंह तंवर ने कहा गरीब किसान अपनी जमीन और अपने उत्पादन का मूल्य तक नही लगा सकते उसका निर्धारण भी दूसरे तय कर रहे हैं और शोषण की चक्की में पीस रहे हैं ।
तिरिथ राम बिंझवार ने अपनी अनुभव साझा करते हुए बताया कि जमीन लेते समय एसईसीएल के अधिकारी और जिला प्रशासन चिकनी चुपड़ी बातें कर हर घर मे नौकरी और बुनियादी सुविधाएं देने के वादा करने के बाद जमीन हथिया ली और फिर कोल इंडिया पालिसी को पिछले रास्ते से लागू कर दिया जिससे छोटे खातेदार रोजगार से वंचित हो गये।

रुद्र दास महंत बसन्त कुमार कंवर, ललित महिलांगे, चंदन सिंह बंजारा सन्तोष चौहान ने भी कोरबा जिले में किये गए आंदोलन की जानकारी रखते हुए अपनी अनुभव को साझा किया ।
रायगढ़ क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं और चल रहे आन्दोलन की जानकारी देते हुए भारत चरिया , नरिहर मानिकपुरी सहित जनपद सदस्य , सरपंच एवं अन्य ग्रामीणों ने भी बातें रखी और पूरे एसईसीएल क्षेत्र की समस्याओं के खिलाफ मिलजुल कर आंदोलन विस्तार का प्रस्ताव रखा । और आगामी दिनों में क्षेत्र भर के विस्थापन प्रभावितों का सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया
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