नई दिल्ली। एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के महासचिव प्रभास घोष ने बयान जारी कर कहा कि “हम गहरी चिंता के साथ नोट करते हैं कि शरणार्थियों को नागरिकता देने के मुद्दे पर राष्ट्रीय सर्वसम्मति विकसित करने की परवाह किए बिना भाजपा सरकार ने संसदीय चुनाव की पूर्व संध्या पर बहुत ही जल्दबाजी में ‘नागरिकता (संशोधन) अधिनियम’(सीएए) लागू कर दिया है।
हम मांग करते हैं कि देशवासियों को चर्चा -बहस में शामिल कर एक मुनासिब कवायद की जानी चाहिए, जिसके आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए उपयुक्त कानून बनाने पर वांछित राष्ट्रीय सर्वसम्मति उभर कर आ सके।
नागरिकता कानून: एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने शरणार्थियों को नागरिकता देने से पहले राष्ट्रीय बहस की मांग की
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