कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। एमजीएम विद्यालय बालको में क्रिसमस पर्व के अवसर पर प्री-प्राइमरी के बच्चों ने प्रभु यीशु के जन्म दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी मासूम अदाओं और जीवंत प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया।
खास वेशभूषा में दिखा बच्चों का उत्साह
बच्चे प्रभु यीशु, माता मरियम, यूसुफ, चरवाहों, परियों और सैंटा क्लॉज की वेशभूषा में सजे-धजे नजर आए। उनकी मासूमियत और जीवंत अभिनय ने कार्यक्रम को अद्भुत बना दिया। विद्यालय प्रांगण में प्रस्तुत किए गए नृत्य और नाट्य कार्यक्रमों ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विद्यालय के प्राचार्य फादर जोसेफ सन्नी जॉन ने बच्चों की ऊर्जा और जोश की सराहना करते हुए उन्हें क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और मानवता का संदेश है।
इस आयोजन में प्री-प्राइमरी की शिक्षिकाओं और शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन और मेहनत से बच्चों ने एक खूबसूरत प्रस्तुति दी।
प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में सजा विद्यालय प्रांगण मानो उत्सव में झूम उठा। बच्चों की खुशी, मासूम हंसी और प्रस्तुति ने माहौल को और भी खास बना दिया।
क्रिसमस का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में प्रेम, दया और आपसी सद्भाव का महत्व सबसे ऊपर है। बच्चों ने अपनी मासूम अदाओं और भावनाओं से यह संदेश बड़ी सहजता से पहुंचाया।
बच्चे प्रभु यीशु, माता मरियम, यूसुफ, चरवाहों, परियों और सैंटा क्लॉज की वेशभूषा में सजे-धजे नजर आए। उनकी मासूमियत और जीवंत अभिनय ने कार्यक्रम को अद्भुत बना दिया। विद्यालय प्रांगण में प्रस्तुत किए गए नृत्य और नाट्य कार्यक्रमों ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विद्यालय के प्राचार्य फादर जोसेफ सन्नी जॉन ने बच्चों की ऊर्जा और जोश की सराहना करते हुए उन्हें क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और मानवता का संदेश है।
इस आयोजन में प्री-प्राइमरी की शिक्षिकाओं और शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन और मेहनत से बच्चों ने एक खूबसूरत प्रस्तुति दी।
प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में सजा विद्यालय प्रांगण मानो उत्सव में झूम उठा। बच्चों की खुशी, मासूम हंसी और प्रस्तुति ने माहौल को और भी खास बना दिया।
क्रिसमस का यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में प्रेम, दया और आपसी सद्भाव का महत्व सबसे ऊपर है। बच्चों ने अपनी मासूम अदाओं और भावनाओं से यह संदेश बड़ी सहजता से पहुंचाया।
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