शनिवार, सितम्बर 13, 2025
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चिर्रा-श्यांग मार्ग: वनांचल के दो दर्जन गांवों को मिली राहत, 9.35 करोड़ से शुरू होगा सड़क निर्माण

कोरबा (पब्लिक  फोरम)। कोरबा विकासखंड के वनांचल क्षेत्र में स्थित चिर्रा से श्यांग तक 12 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण का काम आखिरकार शुरू हो गया है। जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से 9 करोड़ 35 लाख रुपये की स्वीकृति के साथ इस वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में पहला कदम उठाया गया है।

मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित यह मार्ग विगत एक दशक से अधिक समय से जर्जर हालत में है। हाथी प्रभावित इस क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों के निवासियों को आवागमन में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता रहा है। बारिश के मौसम में कीचड़ और गर्मी के समय धूल के गुबार से राहगीरों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती थीं।

कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आयोजित डीएमएफ की बैठक में सदस्यों के बीच इस महत्वपूर्ण मार्ग के लिए राशि का प्रावधान किया गया। जिला खनिज संस्थान न्यास के माध्यम से कोरबा जिले के खनन प्रभावित और दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में विकास की नींव रखने की व्यापक योजना का यह हिस्सा है।

इस मार्ग के निर्माण से सिमकेदा, विमलता, चिर्रा, गीतकंवारी, लबेद, तीतरडांड, गिरारी सहित कई गांवों के निवासियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह मार्ग गुरमा और श्यांग होकर धरमजयगढ़ तक पहुंचने का मुख्य साधन है।

स्थानीय निवासी परमेश्वर बंजारे, बी.एल. पटेल, रामकुमार और गणेश राम का कहना है कि वे नियमित रूप से इस मार्ग से कोरबा शहर आवागमन करते हैं। अब तक हाथी प्रभावित क्षेत्र होने और बारिश में कीचड़ की समस्या के कारण लगातार डर बना रहता था। सड़क निर्माण की शुरुआत से उनमें नई उम्मीदें जगी हैं।

लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता जी.आर. जांगड़े के अनुसार, यह स्टेट हाइवे है और आवागमन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। बारिश के कारण विलंबित हुआ कार्य अब प्रारंभ हो चुका है। जून 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि इससे पहले भी काम खत्म हो सकता है।

यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए राहत का संदेश है, बल्कि वनांचल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। पक्की सड़क के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।

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