रायपुर/रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में उठाए गए युक्तियुक्तकरण के फैसले को छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। सुशासन तिहार के अंतर्गत रायगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और शिक्षकों के असंतुलित वितरण को दूर करने के उद्देश्य से लिया गया है।
शिक्षकों के असंतुलित वितरण की समस्या का समाधान
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रदेश भर में शिक्षकों की तैनाती में गंभीर असंतुलन व्याप्त है। उन्होंने कहा, “एक ओर हमारे अनेक विद्यालय शिक्षक विहीन हैं या केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों के कई स्कूलों में छात्रों की तुलना में शिक्षकों की संख्या अधिक है। हमारा यह युक्तियुक्तकरण इसी असंतुलन को समाप्त करने का प्रयास है।”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि कई स्थानों पर एक ही परिसर में दो-तीन प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जबकि कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या नगण्य है। “जब हम सभी जगह उचित संख्या में शिक्षक उपलब्ध कराना चाहते हैं, तो इसमें क्या आपत्ति हो सकती है?” मुख्यमंत्री ने प्रश्न किया।
दूरी की चुनौती का व्यावहारिक समाधान
युक्तियुक्तकरण की आलोचना के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस व्यवस्था से शहरी क्षेत्रों में बच्चों को 500 मीटर से अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दूरी एक किलोमीटर से अधिक नहीं होगी। “यह व्यवस्था छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार की गई है,” उन्होंने जोड़ा।
शिक्षक भर्ती की गारंटी
युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षक भर्ती न होने की अफवाहों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार निरंतर शिक्षकों की भर्ती करती रहेगी। “हम प्रतिवर्ष चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों की कमी को पूरा करेंगे। शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव पहले से ही वित्त विभाग को भेजा जा चुका है और अनुमति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी,” उन्होंने घोषणा की।
युक्तियुक्तकरण के आंकड़े और व्यापकता
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य में कुल 10,463 विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इसमें ई-संवर्ग की 5,849 और टी-संवर्ग की 4,614 शालाएं सम्मिलित हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है।
युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को समायोजित किया गया है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर की परिधि में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर की परिधि में स्थित 33 विद्यालयों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय नीतियों के अनुरूप कार्यान्वयन
यह युक्तियुक्तकरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशानुसार किया गया है। इसका मुख्य लक्ष्य शिक्षक संसाधनों का संतुलित और प्रभावशाली उपयोग सुनिश्चित करना है।
भविष्य की संभावनाएं
इस पहल से शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की तैनाती संभव हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि यह योजना अंततः छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी।
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