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बुधवार, सितम्बर 10, 2025
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दक्षिण कोरिया संग हाथ मिलाएगा छत्तीसगढ़: सीएम विष्णुदेव साय की KITA से मुलाकात, निवेश और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे

रायपुर/सियोल (पब्लिक फोरम)| छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सियोल (दक्षिण कोरिया) में एशिया के सबसे बड़े व्यापार संगठन कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस मुलाकात में निवेश, तकनीकी सहयोग और कौशल विकास (स्किलिंग) जैसे अहम विषयों पर गहन चर्चा हुई।

77,000 से अधिक सदस्यों वाला KITA एशिया का अग्रणी व्यापारिक मंच है, जिसके चेयरमैन जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट किम की ह्यून ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति, संसाधनों और मानव पूंजी के प्रति गहरी रुचि दिखाई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा—
“दक्षिण कोरिया के साथ हमारे रिश्ते केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भी हैं। इस संवाद से निवेश, तकनीकी सहयोग और कौशल विकास के नए रास्ते खुलेंगे। इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को आधुनिक उद्योगों में अवसर मिलेंगे और प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों को सुगम वातावरण, त्वरित स्वीकृतियाँ और मजबूत आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक के दौरान KITA के चेयरमैन और वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि छत्तीसगढ़ की निवेश-अनुकूल नीतियाँ और प्राकृतिक संसाधन कोरियाई कंपनियों के लिए अत्यंत आकर्षक हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में कोरियाई कंपनियाँ प्रदेश में निवेश के ठोस कदम उठाएँगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सहयोग से प्रदेश के किसानों, श्रमिकों और स्थानीय उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।

खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश होगा।

हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

तकनीकी हस्तांतरण से स्थानीय उद्योगों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।

श्री साय ने विशेष रूप से यह रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, बल्कि यहाँ का युवा वर्ग मेहनती और प्रतिभाशाली है। कोरियाई कंपनियों के साथ जुड़कर युवाओं को स्किलिंग और तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे वैश्विक उद्योग जगत में अपनी छाप छोड़ सकेंगे।

यह मुलाकात केवल कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकती है। यदि निवेश के वादे व्यावहारिक रूप से धरातल पर उतरते हैं, तो आने वाले वर्षों में प्रदेश आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी का आदर्श उदाहरण बन सकता है।

 यह बैठक छत्तीसगढ़ के लिए अवसरों का नया अध्याय खोल सकती है। अब देखना होगा कि कोरियाई कंपनियों के निवेश कितनी तेजी से धरातल पर उतरते हैं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वास्तविक मजबूती प्रदान करते हैं।

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