रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ में भी अब सांप्रदायिक हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र की आर एस एस के नेतृत्व वाले सांप्रदायिक हिंदुत्ववादी बहुसंख्यकवादी आक्रमण से प्रतिस्पर्धा करते हुए छत्तीसगढ़ में शासकों द्वारा नर्म हिंदुत्व का खेल जारी रखा है। देश में हर रोज अखबारों व न्यूज़ चैनलों में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही सामूहिक हिंसा और दुर्व्यवहार के मामले प्रकाशित हो रहे हैं। इसी प्रकार महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई मामले आये हैं।
ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे देश में संविधान और का राज खत्म हो चुका है।आरएस एस-भाजपा की सरकार ने तमाम ब्रम्हाणवादी मनुवादी सांप्रदायिक ताकतों को हिंसा और अत्याचार करने की खुली छूट दे रखी है। कॉरपोरेट घरानों की फासिस्ट दलाल मोदी सरकार के इशारों पर पुलिस-प्रशासन इन प्रतिक्रियावादी ताकतों का साथ दे रहा है।
एक तरफ आदिवासी, दलित और शोषित-वंचित समाज के खिलाफ हिंसा,अत्याचार के मामले तेजी से बढ़ रहे है। वहीं इसका प्रतिरोध करने वाली ताकतों के खिलाफ़ राजकीय दमन बढ़ भी रहें है।
आगामी 02 जनवरी 2023 को छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में राजकीय दमन के खिलाफ मानस भवन दुर्ग में दोपहर 12 बजे से शाम 04 बजे तक एक दिवसीय धरना, सभा, ज्ञापन का कार्यक्रम रखा गया है। जन संघर्ष मोर्चा तमाम दलित, आदिवासी, मजदूर, किसान, प्रगतिशील, वामपंथी, जनवादी, बौद्ध समाज, मुस्लिम समाज एवं ग्रामीण मसीही समाज के लोगों से अनुरोध करती है कि राजकीय आतंक के खिलाफ एकजुट होकर धरना, सभा को सफल बनावें।
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