कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने केन्द्र सरकार के बजट को ‘जुमलाबाजी’ करार देते हुए कहा कि इस बजट में जो वास्तविकता है, वह जनता को नहीं दिखाई जा रही और जो दिखाया जा रहा है, वह महज दिखावा है। उन्होंने कहा कि पूरा देश अंधेरे में है और प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री ने एक बार फिर जनता को जुमलों में उलझा दिया है।
इस बार के आम बजट में छत्तीसगढ़ को फिर से नजरअंदाज किया गया है। आदिवासी हितों को प्रमुख बताते हुए भी ‘पूर्वोदय योजना’ में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किया गया, जबकि पड़ोसी राज्य उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल को इसमें शामिल किया गया है। सांसद महंत ने कहा कि यह बजट आम आदमी और गरीब जनता के हित में नहीं है। आज 200 रुपए में खाने का तेल खरीदने के लिए जनता मजबूर है, लेकिन महंगाई पर कोई बात नहीं की गई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार चुप है। यह बजट आम आदमी का न होकर, मोदी जी के खास लोगों के लिए बनाया गया है।
सांसद महंत ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ने 10 साल पहले 100 स्मार्ट सिटी की घोषणा की थी, उसी तर्ज पर अब फिर से जुमले फेंके गए हैं। 100 शहरों में जलापूर्ति की घोषणा भी महज जुमलाबाजी है। 100 साप्ताहिक हाट बाजार और स्ट्रीट फूड योजनाएं कब लागू होंगी, यह देखने की बात है। 100 औद्योगिक पार्क भी केवल बातों में ही हैं। इस जुमलेबाजी भरे बजट में मध्यम वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। हालांकि, केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए जो छूट का प्रावधान किया गया है, वह सराहनीय जरूर है।
सांसद महंत ने कहा कि सरकार की इन घोषणाओं में सच्चाई की कमी है और जनता को केवल भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बजट न तो आम आदमी के लिए है और न ही गरीबों के हित में है।
केन्द्रीय बजट में छत्तीसगढ़ की अनदेखी: सांसद ज्योत्सना महंत का आक्रोश
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