रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 40वें चक्रधर समारोह 2025 का भव्य समापन शनिवार की संध्या एक यादगार संगीत यात्रा के रूप में हुआ। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बना पूरा रायगढ़, जब देश के प्रख्यात गायक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कैलाश खेर ने अपने मशहूर बैंड कैलासा के साथ मंच संभाला।
कैलाश खेर की दमदार, सूफियाना और लोकधुनों से सराबोर गायकी ने जैसे ही सुर साधा, पूरा पंडाल तालियों और जयघोष से गूंज उठा। श्रोताओं ने उन्हें अपार स्नेह और उत्साह से स्वागत करते हुए हर प्रस्तुति पर खड़े होकर तालियां बजाईं।

करीब दो दशकों से भारतीय संगीत जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले कैलाश खेर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 2000 से अधिक गीत गा चुके हैं। समापन अवसर पर उन्होंने अपने सुप्रसिद्ध गीत “तेरी दीवानी”, “अल्लाह के बंदे”, “पिया घर आवेंगे”, “मेरी मां”, “हाथों की लकीरें बदल जाएंगी”, “तेरी सखी मंगल गौरी” और “बम लहरी” जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हर गीत के साथ पंडाल झूमता रहा और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकार का उत्साहवर्धन किया। उनकी प्रस्तुति में लोकसंगीत की मधुरता और सूफियाना रूहानियत का अद्भुत संगम देखने-सुनने को मिला।
उल्लेखनीय है कि कैलाश खेर ने अपने बैंड कैलासा के साथ अब तक 2000 से अधिक लाइव कॉन्सर्ट प्रस्तुत किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाए गए और सबसे कम उम्र में पद्मश्री से सम्मानित इस कलाकार ने भारतीय लोकधुनों को नया आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कैलाश खेर की गायकी ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न सिर्फ़ देश में, बल्कि विदेशों में भी नई पहचान दिलाई है। चक्रधर समारोह 2025 का यह समापन आयोजन लंबे समय तक श्रोताओं की स्मृतियों में अमिट रहेगा।
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