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मंगलवार, जुलाई 1, 2025
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कोयला उत्पादन का जश्न और प्रभावित भूविस्थापित किसानों की पीड़ा

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एस ई सी एल की गेवरा क्षेत्र ने 50 मिलियन से अधिक उत्पादन कर इतिहास रच दिया है। इसकी खुशियाँ पूरे कोल इंडिया में मनाई जा रही है तुरंत ही कोयला मंत्री ने शुभकामनाएं प्रेषित कर दिया और सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा गेवरा में आयोजित कार्यक्रम एरिया टीम को बधाई देने पहुंचे और अधिकारी, श्रमिक सन्गठन के नेताओं के साथ फोटो खिंचवाया और सबको सभी गदगद करके धन्य हो गए हैं। एस ई सी एल इस वर्ष के 200 पार के स्लोगन को पूरा करने के लिए कुछ ही कदम दूर है वह भी पूरा हो जाएगा। इस खुशी में पूरा एस ई सी एल परिवार शामिल हो रहा है।

वहीं दूसरी ओर पिछले दो पीढ़ी से उचित पुनर्वास, रोजगार, मुआवजा की आस में भटक रहे भूविस्थापित परिवार की समस्याओं का दूर तक सुनवाई नही हो रही है। कोरबा की धरती के शांत जन 1959-60 से देश हित मे यहां के जल ,जंगल और अपनी पुरखो की जमीन कुर्बान करते आ रहे हैं।

सरकार की छल कपट नीति, बार बार रोजगार विहीन अधिग्रहण कानून के चक्की में पीसने पर मजबूर हैं। उनकी पीड़ा को सुनने के लिए किसी के पास न तो समय है और न नियत । अपनी जायज अधिकार और मांगो पर भूविस्थापित किसान संघर्ष के लिए सड़क और कानून की लड़ाई लड़ रहा है।

प्रबन्धन अपनी षड्यंत्रकारी नीति से केवल अपनी उत्पादन पर ध्यान रख रख रही है और कुछ जयचंद है जो इस आंदोलन को कमजोर करने में भी सक्रिय है और प्रबन्धन को मदद कर अपनी सी आर बढाने और जेबे भरने में मशगूल है अलग अलग सन्गठन को सामने कर अपनी ठेकेदारी चमकाने का कार्य किया जा रहा है।

श्रमिक नेता सपूरन कुलदीप ने प्रभावित भूविस्थापित किसानों के दर्द को उकेरते हुए कहा है कि हजारों की संख्या में लड़ने के लिए मैदान में उतरने वाले भूविस्थापित सैनिकों से आव्हान है कि अपना वर्तमान जैसा भी हो भविष्य सुरक्षित हो और खासकर जब इस काले हीरे से भरी धरती माँ की कोख को खोद कर खाली कर देने के बाद हमारी भावी पीढ़ी के सामने आने वाली संकट से बचाने के लिए अपनी एकता और सन्गठन को और मजबूत करें।

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