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शनिवार, जुलाई 5, 2025
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कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र अवैध घोषित, ओबीसी का दावा फर्जी साबित

कोरबा। कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति को लेकर उठे विवाद में आखिरकार न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कोरबा ने फैसला सुना दिया है। न्यायालय ने राजकिशोर प्रसाद के अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया है, जिसके साथ ही उनका खुद को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में प्रस्तुत करने का दावा भी फर्जी साबित हो गया है।
जांच और परिणाम
शिकायतकर्ता और वार्ड 13 की पार्षद सुश्री ऋतु चौरसिया ने वार्ड 14 के पार्षद और वर्तमान महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति को चैलेंज किया था। कार्यालय जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति, जिला कोरबा ने 6 मार्च 2024 को इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि राजकिशोर प्रसाद द्वारा 5 दिसंबर 2019 को प्राप्त अस्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र प्रथम दृष्टया संदेहास्पद एवं कपटपूर्वक प्राप्त किया गया था। यह प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम, 2013 एवं यथा संशोधित अधिसूचना 24 सितंबर 2020 के प्रावधानों के अनुसार नहीं था।

आगे की कार्यवाही
न्यायालय ने इस प्रमाण पत्र को राजकिशोर प्रसाद द्वारा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए उपयोग करने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा को इस संबंध में आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
O न्यायालय ने राजकिशोर प्रसाद के अस्थायी जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया है।
O उनका ओबीसी का दावा फर्जी साबित हुआ है।
O इस प्रमाण पत्र का उपयोग अब वे किसी भी लाभ के लिए नहीं कर सकेंगे।

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