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गुरूवार, सितम्बर 18, 2025
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कन्या छात्रावास में नवजात मिलने का मामला: अधीक्षिका निलंबित, जांच जारी

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक स्थित 100 सीटर कन्या छात्रावास में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक नाबालिग कक्षा 11वीं की छात्रा के प्रसव और नवजात को छात्रावास परिसर के पीछे फेंकने के मामले में अधीक्षिका जय कुमारी रात्रे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर अजीत वसंत ने मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग को निर्देशित किया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार देर रात करीब 1:30 बजे छात्रा का कन्या आश्रम में प्रसव हुआ। इसके बाद नवजात को परिसर के पीछे फेंक दिया गया। सुबह करीब 8 बजे छात्रा की तबीयत खराब होने पर जब अधीक्षिका ने उससे पूछा, तो उसने दस्त की शिकायत बताई। लेकिन स्थिति संदिग्ध लगने पर माहवारी संबंधी जानकारी ली गई, जिस पर छात्रा ने असामान्यता से इंकार किया।

नवजात के रोने की आवाज से हुआ खुलासा

इसी दौरान परिसर से रोने की आवाज सुनकर हॉस्टल स्टाफ ने खोजबीन की। टॉयलेट के पीछे नवजात जीवित शिशु मिलने पर मामले ने तूल पकड़ा। छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच में पुष्टि हुई कि नवजात उसी का है।

प्रशासन की कार्रवाई

इस सनसनीखेज घटना के बाद छात्रावास अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे प्राथमिकता से जांचने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह घटना छात्रावासों में सुरक्षा और देखरेख के स्तर पर गंभीर सवाल खड़े करती है। नाबालिग छात्रा की इस हालत तक पहुंचने की वजह और छात्रावास प्रशासन की चूक पर सवाल उठ रहे हैं। मामले में न्यायोचित कार्रवाई सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है।

इस घटना ने न केवल छात्रावास प्रबंधन की विफलता उजागर की है, बल्कि समाज को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ बालिकाओं की सुरक्षा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता भी बताई है। प्रशासनिक सख्ती और जागरूकता से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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