back to top
रविवार, नवम्बर 16, 2025
होमआसपास-प्रदेशसाल्हेपाली में दबंगई: न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद अवैध निर्माण जारी,...

साल्हेपाली में दबंगई: न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद अवैध निर्माण जारी, प्रशासन मूकदर्शक

न्यायालयीन आदेश की सरेआम अवहेलना, पुलिस और तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। एक ओर जहाँ शासन-प्रशासन कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बड़े-बड़े दावे करता है, वहीं दूसरी ओर पुसौर थाना क्षेत्र के ग्राम साल्हेपाली में न्यायिक आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। यहाँ दबंगों द्वारा एक विवादित भूमि पर न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य बेधड़क जारी है, जबकि पुलिस और तहसील प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है।

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत भातपुर के आश्रित ग्राम साल्हेपाली स्थित खसरा नंबर 273/2/क की भूमि पर यह अवैध निर्माण किया जा रहा है। इस भूमि के संबंध में अपर आयुक्त, बिलासपुर संभाग (कैम्प कोर्ट रायगढ़) के न्यायालय में मामला विचाराधीन है और न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2025 तक किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी किया है।

पीड़ित पक्ष की आवेदिका श्रीमती संतोषी बैरागी ने तहसीलदार रायगढ़ को दी अपनी लिखित शिकायत में बताया है कि न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद, ग्राम पंचायत के कुछ प्रतिनिधियों की मिलीभगत से दबंग बलपूर्वक निर्माण कार्य करवा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इस अवैध गतिविधि की सूचना पुसौर पुलिस थाने और तहसीलदार कार्यालय को कई बार दी गई, लेकिन अब तक कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।

प्रशासन की यह निष्क्रियता कई गंभीर सवाल खड़े करती है। जब न्यायालय का आदेश स्पष्ट है, तो फिर अवैध निर्माण को क्यों नहीं रोका जा रहा? क्या प्रशासन दबंगों के दबाव में है? यह स्थिति न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि क्षेत्र में कानून का इकबाल खत्म हो रहा है।

यदि समय रहते इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया गया तो यह कानून के प्रति आम लोगों के विश्वास को कमजोर करेगा और क्षेत्र में अराजकता को बढ़ावा देगा। स्थानीय नागरिकों ने अब जिले के उच्च अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और अवैध निर्माण को रोककर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments