बिरसा मुंडा की 224वीं शहादत दिवस
झारखंड (पब्लिक फोरम)। बरकाकाना (रामगढ़): 9 जून 2024 को, बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर, आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने बरकाकाना क्षेत्र के अंबवा टांड में बने बिरसा मुंडा स्मारक पर एक शहीद संकल्प सभा का आयोजन किया। इस सभा में सैकड़ों महिला-पुरुषों ने भाग लिया, जिसमें नागेश्वर मुंडा, बृजनारायण मुंडा और तृतियाल बेदिया जैसे आदिवासी नेता शामिल थे।
इस अवसर पर, महिलाओं ने बिरसा मुंडा स्मारक पर जल चढ़ाकर, धूप-धूमन कर, और पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। देवकी नंदन बेदिया, नागेश्वर मुंडा, सुरेंद्र कुमार बेदिया, और नीता बेदिया ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद, उपस्थित सभी लोगों ने एक मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में बिरसा मुंडा की याद में “बिरसा मुंडा अमर रहे! बिरसा मुंडा के सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे!” जैसे नारे लगाए गए। साथ ही, जल-जंगल-जमीन की रक्षा, वन संरक्षण संशोधन बिल 2023 का रद्द करने, आदिवासियों के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की गारंटी जैसी मांगें भी उठाई गईं।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक, देवकी नंदन बेदिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज केवल बिरसा मुंडा को याद करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनके संघर्ष के मार्ग पर चलकर ही आदिवासी अपने हक-हुकूक हासिल कर सकते हैं। उन्होंने सरकार द्वारा आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचारों और दमन का विरोध करते हुए कहा कि संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से आदिवासी विरोधी नीतियों को तत्काल रद्द करने की भी मांग की।
शहीद संकल्प सभा में हिरोलाल मुंडा, जगु मुंडा, सीता देवी, धनमती देवी, कौलेश्वरी देवी, सुनीता देवी, प्रतिमा कुमारी, मोतीलाल बेदिया, बिगलाल मुंडा, अमर मुंडा, अमन मुंडा, मनोज मुंडा, मतलु करमाली, रोहित मुंडा, लालदेव मुंडा, इंद्रदेव मुंडा और जितेन्द्र मुंडा सहित कई अन्य लोग शामिल हुए।
यह शहीद संकल्प सभा बिरसा मुंडा के संघर्षों और आदर्शों को याद करने का एक अवसर था। साथ ही, यह आदिवासियों के हक-हुकूक की रक्षा के लिए जारी संघर्ष को मजबूती प्रदान करने वाला भी था।
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