– न्यायालय के आदेशानुसार युक्तियुक्तकरण से प्रभावित 105 शिक्षकों के प्रकरणों की सुनवाई पूरी।
– जिला समिति ने 65 प्रकरणों का निराकरण कर जारी किया आदेश।
– सभी संबंधित शिक्षकों को तीन कार्य दिवसों के भीतर नई पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के सख्त निर्देश।
– समय सीमा में ज्वाइनिंग नहीं देने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिले में चल रही शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के संबंध में एक महत्वपूर्ण gelişme सामने आया है। माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के आदेश के परिपालन में, कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला युक्तियुक्तकरण समिति ने प्रभावित शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदनों पर सुनवाई पूरी कर ली है। कुल 105 प्रकरणों की सुनवाई के बाद 65 मामलों का निराकरण करते हुए आदेश जारी कर दिया गया है। समिति ने सभी शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे तीन दिनों के भीतर अपनी नवीन पदस्थापना वाले स्कूल में अनिवार्य रूप से ज्वाइनिंग दें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इस प्रक्रिया के तहत, अतिशेष पाए गए प्राथमिक शाला के 305, माध्यमिक शाला के 151 तथा हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के 74 व्याख्याताओं के लिए काउंसलिंग आयोजित की गई थी। काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों द्वारा स्कूल चयन करने के पश्चात उसी दिन उनके पदांकन आदेश भी जारी कर दिए गए थे।
इसके बाद, संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों द्वारा इन शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना से कार्यमुक्त भी कर दिया गया था। हालांकि, युक्तियुक्तकरण की इस प्रक्रिया से असंतुष्ट कुछ शिक्षकों ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने जिला समिति को अभ्यावेदनों का निराकरण करने का आदेश दिया था। न्यायालयीन आदेश का पालन करते हुए, जिला युक्तियुक्तकरण समिति ने त्वरित कार्रवाई कर प्रकरणों की सुनवाई की और अब अंतिम आदेश जारी कर दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि आदेश जारी होने के तीन कार्य दिवस के भीतर नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण न करना अनुशासनहीनता माना जाएगा और संबंधित शिक्षक के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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