– खरीफ 2025 के लिए फसल बीमा कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 14 अगस्त 2025 की गई।
– केंद्र सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ कृषि संचालनालय ने जारी किया आदेश।
– फैसले से उन लाखों किसानों को मिलेगा मौका, जो किसी कारणवश अब तक बीमा नहीं करा पाए थे।
– बैंकों और बीमा कंपनियों को निर्देश जारी, ताकि अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
रायपुर/कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत खरीफ 2025 सीजन के लिए बीमा नामांकन की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। अब किसान 14 अगस्त, 2025 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकेंगे। पहले यह अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 थी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बाद, छत्तीसगढ़ के कृषि संचालनालय ने शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया। यह फैसला राज्य के उन हजारों किसानों के लिए एक जीवनदान की तरह है जो मानसून की देरी, खेती-किसानी के कामों में व्यस्तता या ऑनलाइन पोर्टल आदि अन्य तकनीकी कारणों से समय पर बीमा नहीं करा पाए थे।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
यह निर्णय किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक ऐसी सुरक्षा कवच है जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप या किसी अन्य अनहोनी के कारण फसल को होने वाले नुकसान से बचाती है।
मानसून की अनिश्चितताओं और खेती की भागदौड़ के बीच कई बार किसान अंतिम तारीख तक बीमा प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाते। ऐसे में तारीख का बढ़ना उन्हें अपनी मेहनत की कमाई और लागत को सुरक्षित करने का एक और सुनहरा अवसर प्रदान करता है। यह सिर्फ एक तारीख का विस्तार नहीं, बल्कि किसानों के पसीने और उनकी उम्मीदों का सम्मान भी है।
कैसे और कहाँ कराएं फसल बीमा?
इस बढ़ी हुई तिथि का लाभ उठाने के लिए किसानों को तुरंत सक्रिय होना होगा।
– ऋणी किसान: जिन किसानों ने किसी बैंक या सहकारी समिति से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) या फसल ऋण लिया है, उनका बीमा बैंक द्वारा स्वतः कर दिया जाता है, जब तक कि वे इससे बाहर निकलने के लिए लिखित आवेदन न दें।
– गैर-ऋणी किसान: जो किसान ऋण नहीं लेते हैं, वे अपनी इच्छानुसार बीमा करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी लोक सेवा केंद्र (CSC), बैंक, सहकारी समिति या बीमा कंपनी के एजेंट से संपर्क करना होगा। उन्हें अपने साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के कागजात (खसरा/B-1) और फसल बुवाई का प्रमाण पत्र ले जाना होगा।
प्रशासन ने कसी कमर, दिए गए कड़े निर्देश
कृषि संचालनालय, रायपुर ने इस अवसर को जाया न होने देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी, सहकारी बैंकों, और बजाज आलियांज व एचडीएफसी एर्गो जैसी बीमा कंपनियों को तत्काल प्रभाव से इस सूचना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित बैंक और वित्तीय संस्थाएं 14 अगस्त तक किसानों का नामांकन सुनिश्चित करें और 30 अगस्त, 2025 तक सभी नामांकित किसानों का डेटा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर अपलोड कर दें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक भी पात्र किसान इस सुरक्षा चक्र से वंचित न रह जाए।
सरकार का यह कदम न केवल किसानों को अप्रत्याशित जोखिमों से बचाएगा, बल्कि यह प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी एक नई मजबूती प्रदान करेगा।

“जिले में ऑनलाइन पोर्टल की तकनीकी बाधाओं से जूझ रहे किसानों की समस्याओं को देखते हुए आदिनिवासी गण परिषद छत्तीसगढ़ ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर ऑनलाइन पोर्टल सिस्टम की मरम्मत और बीमा आवेदन की समय सीमा कम से कम 15 दिन आगे बढ़ाने की मांग की है। परिषद ने सरकार की इस सकारात्मक पहल पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कदम सरकार और अन्नदाता किसानों के बीच भरोसे के सेतु को और भी सुदृढ़ करेगा।”
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