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दिल्ली में दलित मुख्यमंत्री एजेंडे पर बड़ी रैली, संविधान सुरक्षा और जातिगत आरक्षण पर जोर!

दिल्ली में 27 अक्टूबर 2024 को भारतीय लिबरल पार्टी और राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत द्वारा संयुक्त रूप से एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दलित मुख्यमंत्री एजेंडे के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली निर्माण के लिए संविधान की सुरक्षा और सभी जाति वर्गों की जनगणना और आरक्षण हिस्सेदारी सुनिश्चित करने पर चर्चा की जाएगी।

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। दिल्ली में 6 सितंबर 2024 को भारतीय लिबरल पार्टी के कार्यालय में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक भारतीय लिबरल पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (एकतावादी) और राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। बैठक का उद्देश्य भारतीय संविधान की सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली के निर्माण के लिए विभिन्न जाति वर्गों की एकजुटता सुनिश्चित करना था।

मुख्य मुद्दे और प्रस्तावित कार्यक्रम
बैठक की अध्यक्षता भारतीय लिबरल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष रायजादा ने की, जबकि संयुक्त मोर्चा भारत के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती कार्यक्रम के उद्घाटक थे। बैठक का संचालन महासचिव अकबर खान राणा द्वारा किया गया। इस बैठक में प्रमुख रूप से शामिल थे—पूर्व विधायक और राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. छबिलाल रात्रे, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (एकतावादी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दौलतराम, राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अनिल नागबौद्ध, और दिल्ली प्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश कार्य अध्यक्ष तीरथ बाबू।

संविधान सुरक्षा और आरक्षण पर एकजुटता
बैठक में शामिल सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने संविधान सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली के निर्माण के लिए एकजुटता दिखाने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक के दौरान गोपाल ऋषिकर भारती ने दलित मुख्यमंत्री एजेंडे का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली के लिए इस एजेंडे का समर्थन करना और इसे सफल बनाना प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी वर्गों के लोग इस एजेंडे के समर्थन में एकजुट होंगे और इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर काम किया जाएगा।

भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली के लिए बड़ा कदम
डॉ. मनीष रायजादा ने बैठक में कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के आंदोलन में शामिल होकर उनकी पार्टी ने कई कुर्बानियां दी हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि एक अलग पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ा जाए। उन्होंने दलित मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुस्लिम उप मुख्यमंत्री और ओबीसी या अन्य वर्ग से एक अन्य उप मुख्यमंत्री की घोषणा की। इस पहल को लेकर रिपब्लिकन नेता दौलत राम ने कहा कि यदि दिल्ली में दलित, मुस्लिम, ओबीसी, पिछड़े और सामान्य वर्ग सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ें, तो सरकार बनाना केवल एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन सकता है।

रैली की घोषणा
बैठक के समापन पर यह निर्णय लिया गया कि 27 अक्टूबर 2024 को रविवार के दिन संयुक्त मोर्चा भारत, भारतीय लिबरल पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (एकतावादी) और अन्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में एक विराट रैली और जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का उद्देश्य संविधान सुरक्षा और भारत राष्ट्र नवनिर्माण आंदोलन को मजबूत करना होगा।

यह रैली दिल्ली की राजनीतिक दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जिसमें जातिगत एकजुटता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में बड़े कदम उठाए जाएंगे।

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