गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
होमआसपास-प्रदेशछत्तीसगढ़ कर्मचारी फेडरेशन का बड़ा आंदोलन: 27 सितंबर को काम-काज ठप, राज्यभर...

छत्तीसगढ़ कर्मचारी फेडरेशन का बड़ा आंदोलन: 27 सितंबर को काम-काज ठप, राज्यभर में होगा व्यापक विरोध!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने चौथे चरण के आंदोलन को पूरी ताकत से आगे बढ़ाने के लिए कमर कस चुकी है। प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा की अध्यक्षता में रायपुर के प्रोफेसर जे.एन. पांडेय हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में यह तय किया गया कि इस बार आंदोलन में कोई कमी नहीं रहेगी। बैठक में संकल्प लिया गया कि “अब नई सईबो ले के रहीबो” (अब हम अपनी मांगें पूरी करके रहेंगे)।

27 सितंबर का महा-विरोध
इस महा-अभियान के तहत 27 सितंबर को “काम बंद, कलम बंद” का आह्वान किया गया है, जिसमें सभी सरकारी कार्यालय और विद्यालय बंद रहेंगे। इस आंदोलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभागों में बैठकें हो रही हैं और रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। बिलासपुर संभाग में 22 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

कोरबा के कर्मचारी और अधिकारी
कोरबा जिले के फेडरेशन से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों से महासचिव तरूण सिंह राठौर ने अपील की है कि इस आंदोलन की सफलता आप सभी की प्रतिबद्धता पर निर्भर है। 27 सितंबर अब बहुत नजदीक है, और इस समय के दौरान सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से सामूहिक अवकाश फॉर्म भरवाकर आर्थिक सहयोग जुटाने की अपील की जा रही है।

आवश्यक बैठक
इस संबंध में 18 सितंबर 2024 को शाम 4 बजे कोरबा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अंधरी कछार परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी और आंदोलन की तैयारी को अंतिम रूप दिया जाएगा।

तरूण सिंह राठौर, महासचिव छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, जिला कोरबा (छ. ग.), ने स्पष्ट किया कि इस बार फेडरेशन किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ेगा, और अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का यह आंदोलन राज्य में कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता के खिलाफ उठाया गया एक सशक्त कदम है। यह आंदोलन न केवल फेडरेशन की मांगों को मजबूती से रखता है, बल्कि इसे राज्यभर में एकजुटता और सामूहिक प्रयासों से सफल बनाने का भी प्रयास है। यह जरूरी है कि आंदोलन पारदर्शी, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से हो, ताकि जनता पर इसका नकारात्मक असर न पड़े और सरकार तक यह संदेश मजबूती से पहुंचे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments