भिलाईनगर (पब्लिक फोरम)। भिलाई इस्पात संयंत्र एससी/एसटी इम्प्लॉइज एसोसिएशन और सेल फेडरेशन के संयुक्त नेतृत्व में एससी/एसटी वर्गों के कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर एक महत्वपूर्ण ज्ञापन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री निरुपम चकमा और निदेशक श्री पी. कल्याण रेड्डी को सौंपा गया। यह ज्ञापन नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में प्रस्तुत किया गया, जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं और अधिकारों को लेकर गंभीर चर्चा की गई।
क्या है मुख्य मांगें?
1. एससी/एसटी इम्प्लॉइज एसोसिएशन की पहचान को बचाना:
एसोसिएशन, जो 2005 से मान्यता प्राप्त संस्था है, ने यह दावा किया है कि कुछ तत्व इसके अस्तित्व को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। एसोसिएशन ने भिलाई इस्पात संयंत्र और अनुसूचित जाति आयोग में अपनी मान्यता को लेकर चिंता व्यक्त की है।
2. वीर नारायण सिंह के नाम पर स्टेडियम का सौंदर्यीकरण:
एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर जयति स्टेडियम का नामकरण करवाया। उन्होंने मांग की है कि इस परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाए और उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित हो।
3. अम्बेडकर प्रतिमा का सौंदर्यीकरण:
भिलाई टाउनशिप में स्थापित डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा के आसपास का सौंदर्यीकरण आज तक अधूरा है। एसोसिएशन ने मांग की है कि आगामी 14 अप्रैल 2025 तक इसे पूरा किया जाए ताकि अम्बेडकर जयंती उत्सव को भव्य रूप से मनाया जा सके।
4. हार्ड वर्क शॉप में एससी/एसटी कर्मचारियों की तैनाती पर रोक:
एसोसिएशन ने यह मुद्दा उठाया कि एससी/एसटी कर्मचारियों को अक्सर कठिन और जोखिम भरे कार्यस्थलों पर तैनात किया जाता है। इसे तुरंत रोके जाने की आवश्यकता है।
5. स्थानांतरण पर रोक:
एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों का कहना है कि जो कर्मचारी सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्यों में सक्रिय हैं, उनका बार-बार स्थानांतरण किया जा रहा है। एसोसिएशन ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।
एससी/एसटी कर्मचारियों की समस्याएं और समाधान की दिशा
एसोसिएशन ने यह भी बताया कि उनके अथक प्रयासों से सामाजिक और धार्मिक सुधार के कई कार्य हुए हैं। उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र में एससी/एसटी वर्ग के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रबंधन के साथ संवाद स्थापित किया।
इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद रामटेके, कार्यकारी अध्यक्ष दीनानाथ प्रसाद, महासचिव संतोष कुमार ठाकुर, और अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद थे। उन्होंने एक स्वर में एससी/एसटी कर्मचारियों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
भिलाई इस्पात संयंत्र भारत के औद्योगिक विकास का प्रमुख केंद्र है। यहां एससी/एसटी वर्ग के कर्मचारियों को प्रबंधन और सामाजिक संरचनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। यह मुद्दा न केवल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेगा बल्कि औद्योगिक और सामाजिक संतुलन भी स्थापित करेगा।
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