तोकापाल, बस्तर, और बकावंड में स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी से अभियान का संचालन।
जगदलपुर (पब्लिक फोरम)| राज्य शासन के निर्देशानुसार और कलेक्टर हरिस एस. के मार्गदर्शन में बस्तर जिले के तीन विकासखंड—तोकापाल, बस्तर, और बकावंड—में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया (हाथी पांव) जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करना है।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की रूपरेखा
10 से 14 फरवरी
अभियान की शुरुआत बूथ-आधारित दवा सेवन कार्यक्रम से होगी। इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और पंचायत भवनों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर स्वास्थ्य दलों की मदद से दवा सेवन कराया जाएगा।
15 से 25 फरवरी
स्वास्थ्य दल घर-घर जाकर उन व्यक्तियों को दवा का सेवन कराएंगे जो बूथों तक नहीं पहुंच सके।
26 से 28 फरवरी
मॉप-अप राउंड के दौरान छूटे हुए लाभार्थियों को दवा दी जाएगी।
विशेष व्यवस्था: सामूहिक दवा सेवन केंद्र
अभियान के दौरान जिले के मेडिकल कॉलेज, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कॉर्नर बनाए जाएंगे। ये केंद्र पूरे अभियान के दौरान संचालित रहेंगे।
फाइलेरिया से बचाव के लिए सामूहिक दवा सेवन का महत्व
फाइलेरिया या हाथी पांव एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छरों के माध्यम से फैलती है। सरकार के सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का उद्देश्य इस बीमारी को रोकना है।
दवा सेवन के अपवाद
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे।
गर्भवती महिलाएं।
गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति।
अन्य सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवा लेना अनिवार्य है।
अभियान के लिए सहयोग और समन्वय
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों और संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास।
महिला एवं बाल विकास।
स्कूल शिक्षा।
नगरीय प्रशासन।
विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल की भूमिका
अभियान के प्रचार-प्रसार और दवा सेवन अनुपालन बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के श्रीमती ममता नंद (डिस्ट्रिक्ट मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर) को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह जिला एनवीबीडीसीपी शाखा और चिन्हित विकासखंडों में समन्वय कर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए कार्य करेंगी।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की खास बातें
कब: 10 से 28 फरवरी 2025।
कहां: बस्तर जिले के तीन विकासखंड—तोकापाल, बस्तर, और बकावंड।
कैसे: बूथ, घर-घर भ्रमण, और मॉप-अप राउंड के माध्यम से दवा सेवन।
क्यों: फाइलेरिया जैसी बीमारी को खत्म कर समाज को स्वस्थ बनाना।
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