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शुक्रवार, जुलाई 4, 2025
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बस्तर-बीजापुर फर्जी मुठभेड़: आदिवासी महेश कुड़ियाम को न्याय दिलाने आम आदमी पार्टी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक, न्यायिक जांच और मुआवज़े की मांग

महेश कुड़ियाम माओवादी नहीं, फर्जी मुठभेड़ में मारा गया निर्दोष आदिवासी—आम आदमी पार्टी की जांच समिति का दावा

रायपुर (पब्लिक फोरम)। बीजापुर जिले के इरपागुट्टा गांव निवासी आदिवासी युवक महेश कुड़ियाम की कथित मुठभेड़ में मौत को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा खुलासा किया है। रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जांच समिति की अध्यक्ष अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने इसे एक “फर्जी मुठभेड़” करार दिया है और मामले में न्यायिक जांच आयोग गठित करने की मांग की है।

प्रियंका शुक्ला ने बताया कि 28 जून 2025 को पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इरपागुट्टा गांव जाकर मृतक महेश की पत्नी सुमित्रा कुड़ियाम, उनके सात बच्चों और गांववालों से मुलाकात कर तथ्य एकत्र किए। जांच में पाया गया कि महेश नक्सली नहीं बल्कि एक आम आदिवासी नागरिक था, जो 2023 से स्थानीय स्कूल में रसोइया के पद पर कार्यरत था।

महेश की पत्नी ने बताया कि 6 जून 2025 को वह अपने भैंसे की तलाश में जंगल गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। अगले दिन गांववालों को पता चला कि किसी व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा है। 8 जून को बीजापुर थाने में फोटो देखकर परिजनों ने महेश की पहचान की, जिसके बाद शव सौंपा गया।

गांववालों और दस्तावेजों ने भी मुठभेड़ को बताया झूठा

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि महेश का नक्सलियों से कोई संबंध नहीं था। गांववाले, स्कूल कर्मचारी और परिजन सभी ने बताया कि महेश एक ईमानदार और सरल जीवन जीने वाला व्यक्ति था। उसके बैंक खाते, वेतन रिकॉर्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड सहित तमाम दस्तावेज भी इसकी पुष्टि करते हैं।

जांच समिति और आम आदमी पार्टी की प्रमुख मांगें:-

1. न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जाए, जैसा कि सारकेगुड़ा और एड्समेटा कांड में किया गया था।
2. मृतक के परिजनों को ₹1 करोड़ का मुआवजा प्रदान किया जाए।
3. महेश की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए।
4. सात बच्चों की शिक्षा और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाए।
5. आदिवासियों को उजाड़ने और पूंजीपतियों को भूमि सौंपने की नीति पर तत्काल रोक लगे।
6. सलवा जुडूम के समय विस्थापित गांववालों को पुनः बसाने की दिशा में ठोस कार्यवाही हो।
7. बीजापुर के पुलिस अधीक्षक व बस्तर IG को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन पुलिस से वार्ता नहीं हो सकी।

प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित प्रमुख सदस्य

– अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला (प्रदेश उपाध्यक्ष, जांच समिति अध्यक्ष)
– मिथिलेश बघेल (प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग)
– विजय कुमार झा (प्रदेश अध्यक्ष कर्मचारी विंग)
के. ज्योति, अज़ीम खान, मिहिर कुर्मी, नरेंद्र ठाकुर, तरुणा बेदरकर, विवेक शर्मा, सतीश मंडावी और अनिल दुर्गम।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने कहा कि पार्टी इस मामले को राष्ट्रीय स्तर तक उठाएगी और निर्दोष आदिवासियों को न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश करेगी।

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