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वेदांता प्रबंधन के खिलाफ उठेगी आवाज: बालको कर्मियों का 23 अक्टूबर को मीडिया से विशेष संवाद

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। जब किसी उद्योग की नींव रखने वाले हाथ ही उपेक्षा के शिकार हो जाएं, तो यह सिर्फ एक प्रशासनिक मुद्दा नहीं रह जाता – यह मानवीय संवेदना और न्याय का सवाल बन जाता है। कोरबा के बालकोनगर में ऐसा ही कुछ होने जा रहा है, जहां बालको के सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी आवाज बुलंद करने के लिए एकजुट हो रहे हैं।

23 अक्टूबर, गुरुवार को सुबह 11 बजे बालकोनगर स्थित एकता पीठ परिसर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। “बालको सेवानिवृत कर्मचारी संगठन” के तत्वाधान में आयोजित इस “मीडिया से एक विशेष मुलाकात” कार्यक्रम में वेदांता प्रबंधन द्वारा कथित श्रमिक शोषण और अन्य गंभीर स्थानीय मुद्दों को उठाया जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल शिकायत दर्ज करना नहीं, बल्कि उन लोगों की आवाज को मुखर करना है, जिन्होंने अपनी जवानी बालको के विकास में लगा दी। सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवार के आश्रित सदस्य अपनी समस्याओं को विस्तार से स्थानीय मीडिया के सामने रखेंगे।

यह सिर्फ एक बैठक नहीं है – यह उन हाथों की गुहार है, जिन्होंने कभी इस संस्था को खड़ा करने में अपना पसीना बहाया था। आज जब वे अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, तो यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या प्रबंधन ने उनके योगदान को भुला दिया है?

क्या हैं मुख्य मुद्दे?

हालांकि कार्यक्रम में उठाए जाने वाले सभी मुद्दों का विस्तृत विवरण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन संगठन ने स्पष्ट किया है कि श्रमिक शोषण उनकी प्रमुख चिंता है। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दों को भी उठाया जाएगा, जो सीधे तौर पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुरक्षा और सम्मान की मांग करता है। जब वह सुरक्षा खतरे में पड़ जाए, तो यह केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं रह जाती – यह पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन जाती है।

“बालको सेवानिवृत कर्मचारी संगठन” द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम एकजुटता का एक सशक्त उदाहरण है। यह दिखाता है कि जब अधिकारों की बात आती है, तो सेवानिवृत्त कर्मचारी पीछे नहीं हटते। वे अपनी आवाज सामूहिक रूप से उठाने के लिए तैयार हैं।

मीडिया के साथ यह संवाद न केवल उनकी समस्याओं को सार्वजनिक मंच पर लाएगा, बल्कि समाज और प्रशासन का ध्यान भी इन मुद्दों की ओर आकर्षित करेगा। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जहां पीड़ित पक्ष अपनी बात रखने का अधिकार उपयोग कर रहा है।

वेदांता समूह भारत की प्रमुख औद्योगिक कंपनियों में से एक है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या इतनी बड़ी कंपनी अपने उन कर्मचारियों की देखभाल नहीं कर सकती, जिन्होंने अपना जीवन संस्था को समर्पित किया?

श्रमिक शोषण का आरोप गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए। किसी भी संगठन की सफलता उसके कर्मचारियों के कंधों पर टिकी होती है। यदि उन्हीं कंधों को बोझ समझा जाने लगे, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि मानवीय मूल्यों के खिलाफ भी है। यह कार्यक्रम स्थानीय मुद्दों को भी उजागर करेगा, जो केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास से जुड़े हो सकते हैं।

कार्यक्रम विवरण:
– तिथि: 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
– समय: सुबह 11:00 बजे
– स्थान: एकता पीठ परिसर, बालकोनगर, कोरबा
– आयोजक: बालको सेवानिवृत कर्मचारी संगठन

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