कोरबा (पब्लिक फोरम)। देश में सन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान ‘मीसाबंदी’ के रूप में जेल में बंद रहे बालको निवासी श्री हेतराम कर्ष का आज तड़के लगभग 03:20 बजे दुखद निधन हो गया। उन्होंने 78 वर्ष की आयु पूर्ण की और अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए।

उनके पुत्र मदन मोहन कर्ष ने बताया कि उनके पिता आपातकाल की अवधि में लगभग 18 माह तक बिलासपुर सेंट्रल जेल में मीसा (MISA – Maintenance of Internal Security Act) एक्ट के तहत नजरबंद रहे थे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मीसाबंदियों को दी जाने वाली सम्मान निधि योजना के तहत उन्हें अब तक प्रतिमाह 25,000 रुपये की पेंशन प्राप्त हो रही थी। उनके निधनोपरांत, नियमानुसार अब उनकी पत्नी (माताजी) को 12,500 रुपये प्रतिमाह की सम्मान निधि मिलेगी।

मीसाबंदी श्री हेतराम कर्ष के निधन की सूचना मिलते ही स्थानीय शासन-प्रशासन सक्रिय हुआ। उनकी अंतिम यात्रा में उन्हें श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त कलेक्टर, अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM), बालको थाना प्रभारी सहित प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित हुए। सेक्टर 5 स्थित मुक्तिधाम में पूरे शासकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां उन्हें सम्मानपूर्वक गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।
इस भावुक क्षण में, कर्ष परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, मित्रों और बड़ी संख्या में शुभचिंतकों ने नम आँखों से दिवंगत आत्मा को अंतिम विदाई दी।

Recent Comments