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बालको के प्रमुख अवतार सिंह का इस्तीफा, अडानी पोर्ट्स में नई शुरुआत!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको), वेदांता समूह की प्रमुख कंपनी, के कारपोरेट अफेयर्स एवं प्रशासन प्रमुख अवतार सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह खबर कोरबा के औद्योगिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। अवतार सिंह, जिन्होंने छह साल तक बालको में अपनी सेवाएं दीं, ने नई पेशेवर राह चुनते हुए अडानी पोर्ट्स, विशाखापत्तनम में अपनी नई पारी शुरू की है। उनका अंतिम कार्यदिवस 20 अप्रैल को था। इस बदलाव ने न केवल कंपनी के भीतर, बल्कि कोरबा के स्थानीय समुदाय में भी कई सवाल और भावनाएं जगा दी हैं।

जानकारी के अनुसार, अवतार सिंह ने एक महीने पहले ही बालको को अपना इस्तीफा सौंप दिया था और वे नोटिस पीरियड पर कार्यरत थे। सूत्रों का कहना है कि उनकी नई जिम्मेदारी अडानी पोर्ट्स में महत्वपूर्ण होगी, जहां वे अपने अनुभव और नेतृत्व कौशल का उपयोग करेंगे। हालांकि, बालको ने अभी तक कारपोरेट अफेयर्स एवं प्रशासन प्रमुख के पद के लिए किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति की घोषणा नहीं की है। इस अनिश्चितता ने कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के बीच उत्सुकता पैदा की है।

अवतार सिंह ने बालको में अपने छह साल के कार्यकाल में कंपनी की सामाजिक और प्रशासनिक नीतियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोरबा के स्थानीय समुदाय के साथ कंपनी के संबंधों को बेहतर बनाने, सामाजिक पहलों को बढ़ावा देने और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी को लागू करने में उनकी सक्रियता ने उन्हें सम्मान दिलाया। उनके नेतृत्व में बालको ने कई सामुदायिक विकास परियोजनाओं को अंजाम दिया। हालांकि वह कई स्थानीय समस्याओं के समाधान को लेकर अक्सर काफी विवादों और सुर्खियों में भी रहे।

बालको, वेदांता समूह की एक इकाई, छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित है और यह भारत की प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादन कंपनियों में से एक है। यह कंपनी न केवल औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि कोरबा के हजारों परिवारों के लिए रोजगार और आर्थिक स्थिरता का स्रोत भी है। ऐसे में कंपनी में होने वाला कोई भी बड़ा बदलाव स्थानीय समुदाय पर गहरा प्रभाव डालता है।

अवतार सिंह का अडानी पोर्ट्स में जाना उनके करियर का एक नया अध्याय है। अडानी पोर्ट्स, भारत के सबसे बड़े पोर्ट और लॉजिस्टिक्स समूहों में से एक, देश के बुनियादी ढांचे और व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशाखापत्तनम जैसे रणनीतिक स्थान पर उनकी नई जिम्मेदारी उनके अनुभव को और समृद्ध करेगी।

दूसरी ओर, बालको के सामने अब एक नई चुनौती है। कारपोरेट अफेयर्स और प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभाग के लिए सही नेतृत्व की तलाश कंपनी के लिए प्राथमिकता होगी। जानकारों का मानना है कि यह नियुक्ति न केवल कंपनी की नीतियों को प्रभावित करेगी, बल्कि कोरबा में सामुदायिक संबंधों को भी आकार देगी।

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