* बालको प्रबंधन ने आखिरकार श्रमिकों की मांगों को माना * आंदोलन के दौरान अभद्र टिप्पणियों के लिए बी.एम.एस ने भी खेद जताया
कोरबा (पब्लिक फोरम)। प्रशासनिक हस्तक्षेप के चलते बालको प्रबंधन एवं ठेका श्रमिकों के बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता के बाद आखिरकार हड़ताल समाप्त कर कर दी गई। बैठक में प्रबंधन ने श्रमिकों की सारी मांगों को आखिरकार मान ली। वहीं पर आंदोलनकारी श्रमिक संगठन बालको कर्मचारी संघ (बीएमएस) के द्वारा आंदोलन के दौरान आंदोलनकारी श्रमिकों के द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए खेद जताई गई।
आज सुबह 4:00 बजे से ही श्रमिकों ने संयंत्र के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर चारों तरफ घेराबंदी कर आंदोलन पर बैठ गए। श्रमिक परिवार के सदस्यों ने भी आंदोलन में भारी संख्या में शिरकत किए। ड्यूटी जाने वाले कर्मचारियों से उन्होंने हाथ जोड़कर आंदोलन में सहयोग करने की अपील की। काफी गहमागहमी और तनाव के बीच तथा चिलचिलाती धूप में आंदोलनकारी श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों की चट्टानी एकता एवं एकजुटता रंग लाईं और आखिरकार प्रबंधन को झुकना पड़ा।
हालांकि इस दौरान बालको के अन्य कई श्रमिक संगठन आंदोलनकारियों एवं बालको कर्मचारी संघ के खिलाफ हो गए। अफरा तफरी में ये श्रमिक संगठन बालकों में कार्यरत ठेका श्रमिकों के हितों से जुड़ी समस्याओं की त्वरित निराकरण के लिए प्रबंधन पर दबाव बनाने के बजाए अपनी
सांगठनिक जिम्मेदारी के उलट प्रशासन को इनके खिलाफ पत्र लिखकर श्रमिकों को नसीहत देने की कोशिश की गई जिससे इन श्रमिक संगठनों के प्रति मजदूरों का भरोसा टूटता हुआ भी दिखाई दिया जोकि श्रमिक एकता के लिए कतई अच्छा संकेत नहीं है। बहरहाल, इन सारी परिस्थितियों पर पुलिस व प्रशासन की भूमिका बेहद सराहनीय रही। आंदोलनकारी श्रमिकों ने प्रशासन का आभार जताया है।
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