पटना (पब्लिक फोरम)। पटना में चल रही भाकपा (माले) की पोलित ब्यूरो की बैठक में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। बैठक में बांग्लादेश की सरकार से अपील की गई है कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही, कट्टरपंथी और सांप्रदायिक ताकतों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए देश में शांति और सौहार्द का माहौल बनाए रखने का आह्वान किया गया।
बांग्लादेश में हालात: अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पुकार
भाकपा (माले) ने स्पष्ट किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों को समान अधिकार मिलने चाहिए और उन्हें बहुसंख्यक दबाव में झुकने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी ने बांग्लादेश में शांति और तार्किकता के पक्ष में खड़ी ताकतों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए उनके संघर्ष को और अधिक ताकत मिलने की कामना की।
बैठक में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले न केवल वहां के समाज को विभाजित कर रहे हैं, बल्कि यह भारत सहित अन्य देशों के लिए भी एक चेतावनी है।
भारत के लिए संदेश: सांप्रदायिक ताकतों को चुनौती दें
भाकपा (माले) ने भारत में भी बढ़ती सांप्रदायिकता पर चिंता जाहिर की। विशेष रूप से, यह बताया गया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को भारत में सांप्रदायिक ताकतें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हमलों को तेज करने के औजार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं।
पार्टी ने इस प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए कहा कि यह भारत के सांप्रदायिक सौहार्द और बहुलतावादी संस्कृति के लिए एक बड़ा खतरा है।
नफरत की राजनीति के खिलाफ अपील
भाकपा (माले) ने भारत के न्याय और शांति पसंद नागरिकों से अपील की है कि वे नफरत, झूठ और हिंसा की राजनीति को खारिज करें। उन्होंने भारत और बांग्लादेश के बीच बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने की भी अपील की।
पार्टी का मानना है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना केवल एक देश का आंतरिक मसला नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शांति और मानवाधिकारों का सवाल भी है।
भाकपा (माले) ने यह स्पष्ट किया कि धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव अस्वीकार्य है। पार्टी ने बांग्लादेश और भारत दोनों ही देशों से अपील की कि वे सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं और अपने समाज को शांति, न्याय और समानता के आदर्शों की ओर ले जाएं।
Recent Comments