back to top
बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
होमदेश22 अप्रैल: भाकपा (माले) लिबरेशन का 56वां स्थापना दिवस; लोकतांत्रिक विरासत को...

22 अप्रैल: भाकपा (माले) लिबरेशन का 56वां स्थापना दिवस; लोकतांत्रिक विरासत को बचाने के लिए एक आह्वान!

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के केंद्रीय कमेटी ने पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर कहा है कि हम भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का 56वां स्थापना दिवस महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों के बीच मना रहे हैं। इस अवसर पर हम अपने सदस्यों, समर्थकों और भारत की संघर्षरत जनता को हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करते हैं। हम इस अवसर पर भारत के सभी मतदाताओं से अपील करते हैं कि वे अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करें ताकि हमारे संविधान की बुनियादी मूल्यों और गणतांत्रिक व संघीय ढांचे को बढ़ते फासीवादी हमलों से बचाया जा सके।

22 अप्रैल दुनिया की पहली सोशलिस्ट क्रांति और पहले समाजवादी राज्य के महान शिल्पकार कामरेड लेनिन का भी जन्मदिन है। हम कामरेड लेनिन को क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और शोषणमुक्त, युद्धविहीन एक ऐसी दुनिया के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां मानवता वास्तव में स्वतंत्र हो।
अपने गठन से ही भाकपा (माले) ने भारत को एक सच्चे लोकतांत्रिक देश में परिवर्तित करने और एक समतामूलक समाज की स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष किया है। मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल इस क्रांतिकारी लक्ष्य की राह में एक विनाशकारी बाधा साबित होगा। डॉ. अम्बेडकर के शब्दों में, यह एक महान विपत्ति होगी। हमें 2024 के चुनाव को फासीवादी शक्तियों को परास्त करने और तानाशाही मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक ऐतिहासिक जनआंदोलन में बदलना होगा।

हम इंडिया ब्लॉक के घटक के रूप में बिहार में चार और झारखंड में एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, हम स्वतंत्र रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में प्रत्येक राज्य में एक सीट पर मैदान में हैं। हम आंध्र प्रदेश और ओडिशा में कुछ विधानसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ रहे हैं, साथ ही बिहार में कामरेड मनोज मंजिल को अन्यायपूर्ण ढंग से सजा दिए जाने के बाद हुए उपचुनाव में भी भाग ले रहे हैं। हम अपने चुनाव अभियान में पूरी शक्ति से जुटे हुए हैं। साथ ही, हम पूरे देश में भाजपा/एनडीए की हार और इंडिया ब्लॉक की जीत सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।

पार्टी स्थापना दिवस के अवसर पर, हम पार्टी के संस्थापक महासचिव कामरेड चारु मजूमदार और बाद के महासचिवों कामरेड जौहर और कामरेड विनोद मिश्रा, जिन्होंने 1970 के दशक की शुरुआत में आई विपत्तियों के बाद पार्टी को पुनर्गठित किया और नेतृत्व प्रदान किया, को पूर्ण सम्मान के साथ क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम नागभूषण पटनायक, रामनरेश राम, अनिल बरुआ, महेन्द्र सिंह सहित सभी शहीदों और नेताओं को क्रांतिकारी सलाम भेंट करते हैं, जिन्होंने पार्टी, जनता और क्रांति के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। हमारा सलाम उन सभी साथियों को भी है, जो आज राज्य के दमन के कारण भारत की विभिन्न जेलों में बंद हैं। हम अपने सभी साथियों, राजनीतिक कैदियों और विपक्षी दलों के नेताओं की निर्बाध रिहाई की मांग करते हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments