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दिल्ली में ऐप कर्मियों की शोषण के खिलाफ़ ऐप कर्मचारी एकता यूनियन का संघर्ष: ऐक्टू ने श्रमायुक्त को सौंपा ज्ञापन!

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। दिल्ली में विभिन्न ऐप कंपनियों के लाखों कर्मचारियों को असामान्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐप कर्मचारियों के लिए ऑर्डर दर और प्रोत्साहन राशि निरंतर कम हो रही है, और उन्हें 15-16 घंटे तक काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनियां अपनी सुविधा के अनुसार ऐप कर्मचारियों के आईडी को अवरुद्ध कर देती हैं। इन समस्याओं को देखते हुए, ऐप कर्मचारी एकता यूनियन (ऐक्टू) ने हाल ही में दिल्ली भर में ऐप कर्मचारियों के बीच एक विशाल हस्ताक्षर अभियान चलाया।

यह अभियान दिल्ली के विविध क्षेत्रों जैसे मालवीय नगर, साकेत, कालकाजी, छत्तरपुर, बेगमपुर, मसूदपुर, नेब सराय, वसंत कुंज, मुनिरका, सी आर पार्क, गोविंदपुरी, पटेल नगर, पंजाबी बाग, करोल बाग, कनॉट प्लेस, राजिंदर प्लेस, झंडेवालान, कीर्ति नगर, करमपुरा, राजौरी गार्डन, सुभाष नगर, पीतमपुरा, शालीमार बाग, सुभाष प्लेस, प्रशांत विहार, रोहिणी, अशोक विहार, हडसन लेन, बुराड़ी, राणा प्रताप बाग, मॉडल टाउन, कमला नगर, मुखर्जी नगर, शक्ति नगर, चांदनी चौक, लाल किला, लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार, चंदर विहार, आई पी एक्सटेंशन, कड़कड़डूमा और मयूर विहार में एक माह तक चलाया गया। इस अभियान में Swiggy, Zomato, Blinkit, Zepto, Porter, Ola, Uber, Rapido आदि कंपनियों के हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया और हस्ताक्षर किए।

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन (AICCTU) ने निम्नलिखित मांगों के साथ ज्ञापन प्रस्तुत किया:-

1. सभी ऐप कंपनियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए। केंद्र और राज्य सरकारों को इस संबंध में तत्काल कानून बनाना चाहिए।

2. सभी ऐप कर्मचारियों को 8 घंटे काम करने के बाद न्यूनतम 26,000 रुपये प्रतिमाह आय की गारंटी हो।
3. सभी कर्मचारियों को कम से कम 20% बोनस का भुगतान किया जाए।

4. सभी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए, भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा की गारंटी हो। पेट्रोल और सीएनजी के बढ़ते मूल्यों को देखते हुए अलग से भत्ता दिया जाए।

5. कार्य के दौरान किसी दुर्घटना में घायल होने पर 50 लाख रुपये और मृत्यु की स्थिति में आश्रित को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

6. ऐप कंपनियों द्वारा की जा रही अवैध छंटनी पर तुरंत रोक लगाई जाए।

ऐप कर्मचारी एकता यूनियन (ऐक्टू) ने दिल्ली के श्रमायुक्त कार्यालय में लाखों ऐप कर्मचारियों की इन मांगों को लेकर ज्ञापन प्रस्तुत किया। यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त श्रम आयुक्त से मुलाकात की और ऐप कर्मचारियों की समस्याओं को उनके समक्ष रखा। उक्त प्रतिनिधिमंडल में अपूर्वा शर्मा, आयुष मंडल, आकाश भट्टाचार्य और विभिन्न कंपनियों के ऐप कर्मचारी शामिल थे। सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और मांगपत्र जमा किया गया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन के पदाधिकारी आकाश भट्टाचार्य ने कहा कि यूनियन इस संघर्ष को आगे बढ़ाएगी और आने वाले समय में सरकार को उनकी मांगें स्वीकार करनी ही होगी।

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