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रविवार, अक्टूबर 5, 2025
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अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस और महात्मा गांधी का विश्व पर प्रभाव

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर निर्धारित किया गया है। यह दिन न केवल अहिंसा और शांति का प्रतीक है, बल्कि गांधी जी के वैश्विक योगदान और उनके सिद्धांतों को सम्मानित करने का अवसर भी है।

महात्मा गांधी का प्रभाव न केवल भारत में, बल्कि सम्पूर्ण विश्व में सत्य, अहिंसा और शांति के प्रतीक के रूप में फैला हुआ है। उनके विचारों और कार्यों ने स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी और वैश्विक आंदोलनों और विचारधाराओं को भी प्रभावित किया। उनके सम्मान में विभिन्न देशों ने मूर्तियाँ, डाक टिकट, मार्गों का नामकरण और अन्य स्मारक स्थापित किए हैं।

महात्मा गांधी की मूर्तियाँ और स्मारक

महात्मा गांधी की मूर्तियाँ और स्मारक विश्वभर में उनके शिक्षाओं और योगदान का प्रतीक हैं।

लंदन, यूनाइटेड किंगडम – टैविस्टॉक स्क्वायर
गांधी जी की यह मूर्ति फ्रेडा ब्रिलियंट द्वारा बनाई गई थी और 17 मई 1968 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री हारोल्ड विल्सन द्वारा उद्घाटित की गई। मूर्ति में गांधी जी ध्यानमग्न मुद्रा में कमलासन में बैठे हैं और उनके चेहरे पर शांति और गंभीरता का भाव स्पष्ट है।

जोहनसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका – चर्च स्ट्रीट
इस कांस्य मूर्ति का उद्घाटन 1993 में आर्चबिशप डेसमंड टूटू द्वारा किया गया। यह मूर्ति गांधी जी को उनके कानूनी गाउन में दर्शाती है और उनके दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष को सम्मानित करती है।

ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना – प्लाजा सिसिलिया
गांधी जी की यह मूर्ति राम वानजी सुतार द्वारा बनाई गई थी और 15वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 1962) के अवसर पर भारतीय सरकार द्वारा उद्घाटित की गई। मूर्ति में गांधी जी पारंपरिक धोती और शॉल में दिखाई देते हैं।

जेनेवा, स्विट्जरलैंड – गांधी स्मारक
यह स्मारक गांधी जी की शांति और अहिंसा के सिद्धांतों का सम्मान करता है और उन्हें विश्व शांति के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है।

 महात्मा गांधी पर जारी डाक टिकटें

महात्मा गांधी की वैश्विक पहचान को डाक टिकटों के माध्यम से भी सम्मानित किया गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1961 में गांधी जी की छवि और उनके अहिंसा के सिद्धांत को प्रदर्शित करते हुए दो डाक टिकटों का सेट जारी किया। कांगो ने 1967 में गांधी जी की छवि और योगदान को सम्मानित करते हुए डाक टिकट जारी किया। भारत ने 15 अगस्त 1948 को, स्वतंत्रता की पहली वर्षगांठ के अवसर पर, गांधी जी की छवि को दर्शाता डाक टिकट जारी किया। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र संघ ने गांधी जी की जयंती पर उनके वैश्विक योगदान और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए विशेष डाक टिकट जारी किए।

 

 

महात्मा गांधी के नाम पर मार्ग

विश्वभर के कई देशों और शहरों में गांधी जी के सम्मान में मार्गों का नामकरण किया गया है।

न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में गांधी मार्ग गांधी जी के योगदान और उनके अहिंसा के सिद्धांतों को सम्मानित करता है। लंदन, यूनाइटेड किंगडम में गांधी स्ट्रीट गांधी जी के अहिंसा और सत्य के आदर्शों का प्रतीक है। कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में गांधी एवेन्यू विश्व शांति और अहिंसा के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया है।

 अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

तारीख: 2 अक्टूबर

स्थापना: 15 जून 2007, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा

उद्देश्य: दुनिया भर में अहिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और शांति व सहिष्णुता को बढ़ावा देना।

महात्मा गांधी से संबंध: गांधी जी ने अपने जीवन में अहिंसा और सत्याग्रह का पालन किया और उन्हें सामाजिक व राजनीतिक आंदोलनों के माध्यम से दुनिया को दिखाया।

मनाने का तरीका: स्कूलों और कॉलेजों में शांति संगोष्ठियाँ, सार्वजनिक कार्यक्रम, वर्कशॉप और सामाजिक एवं ऑनलाइन अभियान।

महात्मा गांधी का जीवन और उनके सिद्धांत आज भी संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी शिक्षाएँ यह सिखाती हैं कि सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलकर ही समाज और विश्व को सशक्त और समृद्ध बनाया जा सकता है। उनके योगदान को मूर्तियों, डाक टिकटों, मार्गों के नामकरण और अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के माध्यम से विश्वभर में सम्मानित किया गया है।

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