कोरबा (पब्लिक फोरम)। प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की लंबित मांगों के समाधान के लिए आज 8 नवंबर को प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के तहत जिले के आंगनबाड़ी कर्मियों ने तानसेन चौक पर एक दिवसीय धरना देकर शाम 4 बजे सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
हमारी मेहनत का सम्मान चाहिए: जिलाध्यक्ष-वीणा साहू
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की कोरबा जिलाध्यक्ष वीणा साहू ने कहा, “आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत मेहनतकश महिला कर्मियों को जो मूलभूत सुविधाएं और लाभ सरकार से मिलने चाहिए, उन पर ध्यान देने के लिए आज हम धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले भर से कार्यकर्ता और सहायिकाएं जिला मुख्यालय में एकत्रित हुई हैं और प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह प्रदर्शन किया जा रहा है।” संघ की एक अन्य पदाधिकारी सुचित्रा मानिकपुरी ने कहा, “महंगाई के इस दौर में हम आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। हमारे विभागीय काम के अलावा कई अन्य कार्य भी लिए जा रहे हैं, जिससे हमारे काम में बाधा उत्पन्न होती है।”
प्रमुख मांगें: नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और पेंशन
1. नियमितीकरण की मांग: पंचायती राज के तहत छत्तीसगढ़ में कई कर्मियों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया गया है। लेकिन पिछले 50 वर्षों से कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आज तक यह मान्यता नहीं मिली है। हमारी मांग है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित कर शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
2. जीने लायक वेतन: सरकारी कर्मचारी घोषित होने तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21,000 रुपये और सहायिका को 17,850 रुपये मासिक वेतन स्वीकृत किया जाए। वर्तमान में कार्यकर्ताओं को मिलने वाले 10,000 रुपये मानदेय का 85 प्रतिशत सहायिकाओं के लिए स्वीकृत किया जाए।
3. सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और ग्रेज्युटी: 35-40 साल की सेवा के बावजूद, सेवानिवृत्ति पर न तो पेंशन मिलती है और न ही एकमुश्त राशि। हमारी मांग है कि कार्यकर्ता को 10,000 रुपये और सहायिका को 8,000 रुपये मासिक पेंशन के साथ 5 लाख रुपये कार्यकर्ता और 4 लाख रुपये सहायिका को ग्रेज्युटी राशि दी जाए।
4. समूह बीमा योजना: भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को समूह बीमा योजना में जोड़ा जाए।
5. अनुकम्पा नियुक्ति: कार्यकर्ता या सहायिका की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।
6. महंगाई भत्ता: मानदेय को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए।
7. पदोन्नति: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पदोन्नति के लिए 50 प्रतिशत का प्रतिबंध समाप्त कर वरिष्ठता के आधार पर बिना उम्र सीमा के सुपरवाइजर के पदों पर पदोन्नत किया जाए।
8. गैस सिलेंडर और चूल्हा उपलब्ध कराना: सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस सिलेंडर और चूल्हा उपलब्ध कराया जाए और इसकी नियमित रिफिलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
आशा की किरण और आंदोलन का संकल्प
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से उम्मीद जताई कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा। उनका कहना है कि यदि सरकार जल्द ही इन मुद्दों का समाधान नहीं करती है, तो वे आगे भी आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे।
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