कोरबा (पब्लिक फोरम)। कलेक्टर अजीत वसंत ने घोषणा की है कि कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही नए भवन मिलेंगे। जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपनी भूमि है, उन्हें शीघ्र प्रस्ताव बनाकर भेजना होगा ताकि पक्के भवनों का निर्माण हो सके। यह निर्देश उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिए।
कलेक्टर ने बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें आंगनबाड़ी भवनों की स्थिति, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के भरे और रिक्त पदों की जानकारी, पूरक पोषण आहार, एनआरसी में लाभान्वित बच्चे, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष अंतर्गत ऋण योजना, सक्षम योजना, नवा बिहान योजना, मिशन वात्सल्य, एकीकृत बाल संरक्षण योजना, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल देखरेख संस्थाएं, दत्तक ग्रहण और पोषण देखरेख कार्यक्रम शामिल थे।
निर्देश और योजनाएं
1. रिक्त पदों पर निष्पक्ष भर्ती: कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों पर निष्पक्ष और निर्विवाद भर्ती की जाए। उन्होंने विशेष रूप से डेमोंस्ट्रेटर पद की भर्ती के लिए नियमानुसार विज्ञापन प्रकाशित करने के निर्देश दिए।
2. महिला हितग्राहियों को ऋण: जरूरतमंद महिला हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
3. पूरक पोषण आहार: आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नाश्ता, गर्म भोजन, गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को समय पर पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जाएगा।
4. समय की पाबंदी: आंगनबाड़ी केंद्रों का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। कलेक्टर ने पूरे समय बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि उनकी प्री नर्सरी शिक्षा उन्नत हो सके।
बैठक में उपस्थित अधिकारी: बैठक में महिला बाल विकास विभाग अधिकारी रेणु प्रकाश, सुपरवाइज़र सहित विभागीय अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर वसंत के ये निर्देश न केवल आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार लाएंगे, बल्कि बच्चों और महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं में भी वृद्धि करेंगे। इससे बच्चों की शिक्षा और पोषण में सुधार होगा और महिला हितग्राहियों को आवश्यक सहायता मिल सकेगी।
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