दर्रामुड़ा, मुरा और जबलपुर गांवों में सिलाई प्रशिक्षण के साथ मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस
खरसिया (पब्लिक फोरम)। एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन द्वारा रायगढ़ अंचल के खरसिया संच केंद्र अंतर्गत दर्रामुड़ा, मुरा और जबलपुर गांवों में संचालित सिलाई सेंटर ग्रामीण महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। जबलपुर में 30, दर्रामुड़ा में 20 और मुरा में 20 प्रशिक्षणार्थी निःशुल्क सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। यह पहल महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ समाज में उनका आत्मविश्वास बढ़ा रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इन तीनों गांवों के सिलाई सेंटरों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण ले रही महिलाओं और बालिकाओं ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए अपने-अपने गांवों में रैली निकाली। पौधरोपण करते हुए सभी ने न केवल पेड़ लगाने, बल्कि उन्हें बड़ा होने तक संरक्षित करने का संकल्प लिया। इस आयोजन ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ ही सामुदायिक एकजुटता का भी परिचय दिया। साफ-सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु सेंटर परिसर और आसपास के क्षेत्रों की सफाई की गई, जिसमें सभी प्रशिक्षणार्थियों और ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लेकर प्रतिभागियों ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया। यह आयोजन एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन की उस व्यापक सोच को दर्शाता है, जिसमें महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण और स्वच्छता पर भी विशेष बल दिया जाता है। जबलपुर में लंबोदर दास मानिकपुरी, भारत भूषण वासुदेव, गोकुल पटेल, कार्तिक बंजारा और निखिल जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही।
दर्रामुड़ा में सजनी पटेल, रामकुमार राठिया, रामेश्वर प्रसाद, गिरीश राठिया और महेश्वर पटेल ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। वहीं मुरा में बबीता पटेल, सरपंच लीलावती, मंजु पटेल और सेत कुंवर ने महिला नेतृत्व और सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। इन तीनों गांवों की सहभागिता और एकल फाउंडेशन का समर्पण ग्रामीण विकास की प्रेरणादायक मिसाल बनकर सामने आया है।
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