सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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स्कूल में दर्द से तड़पता रहा मासूम, चली गई आंख की रोशनी; शिक्षिका की घोर लापरवाही पर गिरी निलंबन की गाज

कोरबा (पब्लिक फोरम)। एक मासूम बच्चे के जीवन में अँधेरा घोल देने वाली एक दर्दनाक घटना में, स्कूल में सहपाठी के हमले में एक छात्र की आँख की रोशनी चली गई। इस हृदय विदारक मामले में प्रथम दृष्टया घोर लापरवाही और संवेदनहीनता बरतने के आरोप में एक शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह घटना कोरबा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला चुनचुनी (आदर्श नगर कुसमुण्डा) की है, जिसने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या था पूरा मामला?
यह दिल दहला देने वाली घटना 9 जुलाई, 2025 को घटी थी। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अवल बंजारे की एक अन्य छात्र रिहान के साथ किसी बात पर अनबन हो गई। खेल-खेल में या गुस्से में, रिहान ने अवल को डंडे से मार दिया, जो सीधे उसकी बायीं आँख पर जा लगा। चोट इतनी गंभीर थी कि अवल की उस आँख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई।
त्रासदी यह थी कि घटना के दिन स्कूल के प्रधान पाठक आकस्मिक अवकाश पर थे और स्कूल का प्रभार शिक्षिका श्रीमती इंद्राणी पांडे के पास था। उन पर एक बच्चे की सुरक्षा की पूरी ज़िम्मेदारी थी, जिसे निभाने में वह पूरी तरह विफल रहीं।

शिक्षिका की संवेदनहीनता और जांच का दौर
किसी भी शिक्षक का पहला कर्तव्य घायल छात्र को तत्काल चिकित्सा सहायता देना और उसके परिवार को सूचित करना होता है। लेकिन श्रीमती पांडे पर आरोप है कि उन्होंने अपनी इस बुनियादी ज़िम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। आरोप के अनुसार:
🔻उन्होंने घायल बच्चे का कोई प्राथमिक उपचार नहीं कराया।
🔻उन्होंने छात्र के माता-पिता को इस गंभीर घटना की सूचना देना भी ज़रूरी नहीं समझा।
🔻इससे भी अधिक अमानवीय यह था कि दर्द से तड़पते उस मासूम को घर भेजने या अस्पताल ले जाने के बजाय 2-3 घंटे तक स्कूल में ही रोककर रखा गया।

जब यह मामला उच्च अधिकारियों तक पहुँचा, तो इसकी जांच कराई गई। कटघोरा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह माना कि यह दुखद घटना शिक्षिका की लापरवाही के कारण ही हुई। रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की कि श्रीमती पांडे ने प्रभारी के रूप में अपनी ज़िम्मेदारियों को निष्ठापूर्वक नहीं निभाया।

नियमों के तहत हुई निलंबन की कार्रवाई
जांच रिपोर्ट और जिला शिक्षा अधिकारी, कोरबा के प्रस्ताव के आधार पर, बिलासपुर शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक आर.पी. आदित्य ने 26 सितंबर, 2025 को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में श्रीमती इंद्राणी पांडे के कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 की कंडिका 3 के विरुद्ध गंभीर कदाचार की श्रेणी में माना गया है।

इसी के तहत, उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कटघोरा नियत किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। इस आदेश की प्रतिलिपि कलेक्टर, कोरबा सहित शिक्षा विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।

यह घटना एक बच्चे के भविष्य पर लगे गहरे घाव के साथ-साथ शिक्षा प्रणाली के लिए एक चेतावनी भी है कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। एक छोटी सी लापरवाही किसी का पूरा जीवन बर्बाद कर सकती है।

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