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मजदूर दिवस पर एटक की ऐतिहासिक रैली: श्रमिक अधिकारों की लड़ाई और 20 मई की हड़ताल की तैयारी

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। एल्युमिनियम कर्मचारी यूनियन (एटक) के नेतृत्व में परसाभाटा से यूनियन कार्यालय तक एक जोरदार रैली निकाली गई। सैकड़ों मजदूरों ने “मजदूर एकता जिंदाबाद!”, “दुनिया के मजदूर एक हो!”, “शिकागो के शहीदों को लाल सलाम!”, “मजदूर दिवस अमर रहे!” जैसे गगनभेदी नारों के साथ श्रमिक संघर्ष की ऐतिहासिक विरासत को याद किया। 

रैली के अंत में एटक कार्यालय में एक सभा आयोजित की गई, जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य एटक के महासचिव कॉमरेड हरिनाथ सिंह ने ध्वजारोहण कर मजदूर दिवस की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने 01 मई के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा: 

“मजदूर दिवस की उत्पत्ति औद्योगिक क्रांति के दमनकारी दौर से जुड़ी है। 18वीं-19वीं सदी में मजदूरों से 18-20 घंटे काम लिया जाता था। 1886 में शिकागो के शहीदों ने ‘8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, 8 घंटे परिवार’ की माँग को लेकर संघर्ष किया। उनके बलिदान से ही आज यह अधिकार हमें मिला।” 

श्रम कानूनों पर हमला: 20 मई को देशव्यापी हड़ताल 
कॉमरेड हरिनाथसिंह ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को खत्म कर 4 श्रम-विरोधी संहिताएँ लागू करने जा रही है, जो कॉर्पोरेट हितों को बढ़ावा देती हैं। इसके विरोध में 20 मई 2025 को संयुक्त ट्रेड यूनियन के तत्वावधान में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। 

बालको में श्रमिक अधिकारों का क्षरण
बालको एटक के महासचिव सुनील सिंह ने कहा: “प्रबंधन और कुछ यूनियनों की साँठगाँठ से हमारे हासिल अधिकार छीने जा रहे हैं। श्रमिकों और कर्मचारियों के बीच फूट डालकर हमारी एकता तोड़ी जा रही है। इन साजिशों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।” 

कार्यक्रम का समापन शहीद मजदूरों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुआ। 

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